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राजयोग

स्वामी विवेकानंद

9 अध्याय
2 लोगों ने लाइब्रेरी में जोड़ा
20 पाठक
25 अप्रैल 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

ऐतिहासिक जगत् के प्रारम्भ से लेकर वर्तमान काल तक मानव-समाज में अनेक अलौकिक घटनाओं के उल्लेख देखने को मिलते है! आज भी, जी समाज आधुनिक विज्ञान के भरपूर आलोक में रह रहे है, उनमें भी ऐसी घटनाओं की गवाही देनेवाले लोगो की कमी नहीं। 

rajyog

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पुस्तक के भाग

1

राजयोग की भूमिका

24 अप्रैल 2022
8
1
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यह स्वामी विवेकानंद की प्रसिद्ध पुस्तक राजयोग की स्वयं उनके द्वारा लिखित भूमिका है। इसमें स्वामी जी पतंजलि के योग दर्शन के मुख्य बिन्दु और उसका दार्शनिक पहलू बहुत सरल भाषा में समझा रहे हैं।  ऐतिहासिक

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प्रथम अध्याय – अवतरणिका

24 अप्रैल 2022
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यह स्वामी विवेकानंद की प्रसिद्ध पुस्तक राजयोग का पहला अध्याय है। इसमें स्वामी जी अष्टांगयोग के महत्व और मूलभूत सिद्धान्तों पर प्रकाश डाल रहे हैं। योग-सिद्धि के लिए सभी आवश्यक साधनों का वर्णन उन्होंने

3

द्वितीय अध्याय – साधना के प्राथमिक सोपान

24 अप्रैल 2022
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स्वामी विवेकानंद की विख्यात किताब राजयोग का यह दूसरा अध्याय है। स्वामी जी इस अध्याय में योग-साधना के शुरुआती सोपानों पर प्रकाश डाल रहे हैं। साथ ही प्राणायाम और प्राण के मूल अर्थ को भी इसमें बड़ी सुंदरत

4

तृतीय अध्याय – प्राण

24 अप्रैल 2022
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स्वामी विवेकानंद कृत “राजयोग” नामक किताब का यह तीसरा अध्याय है। पिछले अध्याय “साधना के प्राथमिक सोपान” में उन्होंने प्राणायाम के विषय को छुआ था। प्रस्तुत अध्याय में स्वामी जी “प्राण” के विषय को और विस

5

चतुर्थ अध्याय – प्राण का आध्यात्मिक रूप

24 अप्रैल 2022
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स्वामी विवेकानंद की प्रसिद्ध पुस्तक राजयोग का यह चौथा अध्याय है। इसमें समझाया गया है कि किस तरह प्राण कुंडलिनी शक्ति के रूप में मनुष्य शरीर में कार्य करता है और इसका तीन मुख्य नाड़ियों से क्या संबंध है

6

पंचम अध्याय – अध्यात्म प्राण का संयम

24 अप्रैल 2022
2
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अब हम प्राणायाम की विभिन्न क्रियाओं के सम्बन्ध में चर्चा करेंगे। हमने पहले ही देखा है कि योगियों के मत में साधना का पहला अंग फेफड़े की गति को अपने अधीन करना है। हमारा उद्देश्य है–शरीर के भीतर जो सूक्ष

7

षष्ठ अध्याय – प्रत्याहार और धारणा

24 अप्रैल 2022
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राजयोग पुस्तक के इस अध्याय में स्वामी विवेकानंद महर्षि पतंजलि द्वारा निरूपित अष्टांग योग के पाँचवें और छठे अंग क्रमशः प्रत्याहार और धारणा के विषय में प्रकाश डाल रहे हैं। जिस तरह पिछले अध्याय “आध्यात्म

8

सप्तम अध्याय – ध्यान और समाधि

24 अप्रैल 2022
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स्वामी विवेकानंद कृत राजयोग का  इस अध्याय में स्वामी जी अष्टांग योग के अंतिम दो अंगों–ध्यान और समाधि–की व्याख्या कर रहे हैं। इस अध्याय में जानिए ध्यान और समाधि का सही अर्थ, इनकी प्राप्ति के साधन और पर

9

अष्टम अध्याय – संक्षेप में राजयोग

24 अप्रैल 2022
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स्वामी विवेकानंद की प्रसिद्ध पुस्तक राजयोग का यह अंतिम अध्याय है। इससे पिछले अध्याय में वे आख़िरी दो अङ्गों–ध्यान और समाधि–को भली-भाँति समझा चुके हैं। यहाँ स्वामी जी संक्षेप में संपूर्ण राजयोग को निरूप

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