रक्तदान
रास्ते पर तड़पते कोई
अनजान दिखता है।
हम अपना रास्ता
बदल खिसक जाते है।
कुछ तड़पते की फ़ोटो,
वीडियों अपलोड करते है।
जब बारी ख़ुद या
अपनों की आती है।
अपनो की साँसे
जब उखड़ी रहती है।
ख़ून की बूंद बूंद से
तरसते दिखते है।
भाई बहिन माँ-बाप
को लाचार पाते है।
अपने की जान के
लिए हाथ फैलाते है।
उस वक्त उन्हें रक्तदान
की याद आती है।
जब किसी अनजान
से वह रक्त पाते है।
यमराज की दहलीज
से वापिस लाते है।
अनजान के शुभ कर्मों
का फल पाते है।
परिवार के चेहरे पर
मुस्कान आती है।
रक्तदान की कोशिश
जीवन बचाती है।
तो हम सब यह कोशिश
क्यों नही कर सकते है।
बताओं बताओं।
ना गघबराना है, ना डरना है।
रक्तदान हम सबकों जरूर करना है।
रक्तदान महादान-2
📖✍️ नीरज खटूमरा