रोज़ डे पर हम अपने पार्टनर को गुलाब देकर अपने रिश्तों में ताज़गी भरते हैं और अपने प्यार का इज़हार करते हैं। लेकिन एक कशमकश ये ज़रूर रहती है कि हम अपने पार्टनर को गिफ्ट में क्या दें जिससे वो ख़ुश हो जाए।
वैसे तो आजकल कई तरह के तोहफे चलन मेें है लेकिन अगर आप कोई ख़ूबसूरत संदेश भेजते या सुनाते हैं तो
यक़ीनन आपका पार्टनर ख़ुशी से झूम उठेगा। क्योंकि ये संदेश कई सदियों से दिए जाते रहें हैं और कबूल भी होते हैं। आज हम ऐसे ही कविता लेकर आए हैं जिसे भेजकर या सुनाकर आप अपने पार्टनर के साथ रोज़ डे मना सकते हैं। इस कविता को ताहिर फराज़ ने लिखा है जो उर्दू दुनिया के बेहतरीन राइटर हैं जिसका शीर्षक है
बहुत खूबसूरत हो तुम…
बहुत ख़ूब-सूरत हो तुम बहुत ख़ूब-सूरत हो तुम
कभी मैं जो कह दूँ मोहब्बत है तुम से
तो मुझ को ख़ुदा रा ग़लत मत समझना
कि मेरी ज़रूरत हो तुम बहुत ख़ूब-सूरत हो तुम
हैं फूलों की डाली पे बाँहें तुम्हारी
हैं ख़ामोश जादू निगाहें तुम्हारी
जो काँटे हूँ सब अपने दामन में रख लूँ
सजाऊँ मैं कलियों से राहें तुम्हारी
नज़र से ज़माने की ख़ुद को बचाना
किसी और से देखो दिल मत लगाना
कि मेरी अमानत हो तुम
बहुत ख़ूब-सूरत हो तुम
है चेहरा तुम्हारा कि दिन है सुनहरा
है चेहरा तुम्हारा कि दिन है सुनहरा
और इस पर ये काली घटाओं का पहरा
गुलाबों से नाज़ुक महकता बदन है
ये लब हैं तुम्हारे कि खिलता चमन है
बिखेरो जो ज़ुल्फ़ें तो शरमाए बादल
फ़रिश्ते भी देखें तो हो जाएँ पागल
वो पाकीज़ा1 मूरत हो तुम बहुत ख़ूब-सूरत हो तुम
जो बन के कली मुस्कुराती है अक्सर
शब2 हिज्र3 में जो रुलाती है अक्सर
जो लम्हों ही लम्हों में दुनिया बदल दे
जो शाइ'र को दे जाए पहलू ग़ज़ल के
छुपाना जो चाहें छुपाई न जाए
भुलाना जो चाहें भुलाई न जाए
वो पहली मोहब्बत हो तुम बहुत ख़ूब-सूरत हो तुम
शब्दार्थ: 1- साफ, 2- रात, 3- जुदाई