रोशनी हर दिन की भांति आज भी घर का पूरा काम करके अपने परी को ढूंढने इस मेले वाले स्थान पर जाती है और जाते वक्त उसने रास्ते में एक औरत को देखा वह औरत रेल की पटरी पर खड़ी थी रेल की पटरी पर खड़े होकर वह अपनी जान देने की कोशिश कर रही थी तभी रोशनी की निगाह उस औरत पर पड़ती है और रोशनी अपने कार से उतरकर उसका हाथ पकड़ कर उसे खींच लेती है और पूछती है मां जी आप अपना जान क्यों देना चाहती थी आखिर आपको क्या समस्या है इस तरह से अपना जान देने से आपकी समस्या का क्या हल हो जाएगा वह औरत रोने लगती है कहती है बेटी आपने मुझे क्यों बचाया मुझे मर जाने दिया होता मेरा मर जाना ही अच्छा है मैं किसके लिए जीऊ मेरा कोई नहीं है मैं बहुत अकेली हूं इसलिए मैं मरना चाहती हूं मुझे मर जाने दो रोशनी पूछती है मां जी आप अपना परेशानी तो बताएं शायद मैं आपकी कोई मदद कर सकती हूं वह बूढी औरत कहती है नहीं आप मेरी कोई मदद नहीं कर सकती मेरी मदद कोई नहीं कर सकता मुझे जितना कोशिश करना था मैंने करके देख लिया भला मुझे गरीब का मदद कोई क्यों करेगा यहां तो अमीरों की मदद की जाती है यह पूरी दुनिया भी उन्हीं की है इस दुनिया में हम गरीबों की नहीं सुनी जाती हम तो कीड़े मकोड़े हैं और हमें वही समझा जाता है उसकी बात सुनकर रोशनी को थोड़ा दुख होता है फिर भी वह पूछती है मैं भी तो आपकी बेटी की तरह हूं मां मुझे अपना समस्या बताएं शायद मैं आपकी कोई मदद कर दूं वह बूढी औरत कहती है तू इतना जिद कर रही है तू सुन मैं तुझे बताती हूं मेरा एक बेटा है जो 30 साल का है उसे पुलिस ने बेवजह गिरफ्तार कर लिया है और इस जमाने की अमीरों ने उसे झूठी केस में फंसा दिए उसे फांसी होने वाली है अगर जब मेरे बेटा को फांसी हो जाएगी तो फिर मैं जी कर क्या करूंगी मुझे मर जाने दे
रोशनी कहती है नहीं मां आप क्यों मरेंगे मरेंगे बो लोग जिन्होंने गुनाह किया है अगर आपका बेटा बेकसूर है तो वह जरूर छूटेगा रोशनी कि यह बातें उस बूढी औरत के मन मे एक उम्मीद पैदा करती है
वह बूढी औरत कहती है कुछ गुंडो ने मेरे पति से जबरदस्ती ज्यादाद हड़पने की कोशिश कर रहे थे लेकिन जब उन्होंने अंगूठा नहीं लगाया तो उस गुंडो ने उन्हें मार दिया और जब मेरा बेटा उन्हें बचाने गया तो उसके हाथ में बंदूक थाम कर उसे पर ही इल्जाम लगा दिए कि अपने पिता का हत्या कर दिया यह अपने पिता का हत्यारा है पुलिस ने भी बिना कुछ पूछे बिना किसी सबूत के मेरे बेटे को गिरफ्तार कर ली और अब उसे फांसी होने वाली है जबकि मैंने अपनी आंखों से देखा है कि यह खून वह नहीं किया बल्कि उसे गुंडो ने किया है जिन्होंने बड़ी सफाई से अपना इल्जाम उसके सर पर लगा दिए रोशनी उसकी बातें बड़ी एक गौर से सुनती है क्योंकि रोशनी की बहन रंजना एक वकील है रोशनी रंजन से बताती है रंजन उसे बूढी औरत का केस लड़ती है कुछ दिनों तक यह मुकदमा चलता है और अंत में रंजना की जीत होती है उसे बूढी औरत का बेटा छूट जाता है और वह घर आ जाता है पुलिस उसके बेटे को मुआवजा भी देती है और उन गुंडे को सजा होती है अब वह बूढी औरत बहुत खुश होती है रोशनी और रंजन को ढेर सारी दुआएं देती हैं इस तरह रोशनी ने अपनी बहादुरी से उसे बूढी औरत के घर में फिर से खुशियां ला दी
बहुत दिनों बाद रंजन और रोशनी मिलते हैं ढेर सारी बातें करते हैं रंजन रहती है चलो ना दीदी मम्मी से मिलकर आया जाए मम्मी आपको बहुत याद करती हूं वह आपसे मिलने को कहती हैं जब से हमारी परी गायब हुई है तब से आपने कहीं नहीं गया चलिए इसी बहाने आपका मन हल्का हो जाएगा और आप मन से भी मिलेंगे पापा भी आपको देखने देखने को कहते हैं रोशनी कहती है नहीं रंजना मेरा मन नहीं है तू जा मन से मिलकर आ जाए लेकिन बार-बार कहने पर रोशनी रंजन के साथ अपनी में की जाती है वहां अपने घर वालों से मिलती है उनसे बातें करती है फिर अपने घर को वापस लौट आई है
जब रोशनी अपनी मायके से लौट कर आती है उसकी सुबह उसकी बेटी परी का बर्थडे होता है वह अपनी बेटी परी के बर्थडे की तैयारी कर रही होती है लोगों को निमंत्रण देता है कि कल हमारी बेटी का बर्थडे है बट ढेर सारी सजावट करती है बहुत सारी उपहार लाती है ढेर सारे मेहमान भी आते हैं वह पूरी धूमधाम से अपनी बेटी का बर्थडे मना रही होती है तो उसी में कुछ मेहमान कहते हैं इसकी बेटी को गुम हुए कई साल हो गए पता नहीं वह जी भी रही है कि नहीं फिर भी यह पत्ती बनती है इन अमीरों की तो बात ही नहीं पचने लायक है भला इनको कौन रोक उनकी जो मर्जी वह करें हमें क्या हमें तो दावत है खाएंगे और खाकर चली जाएंगे लेकिन हमें नहीं लगता है कि अब इसकी बेटी कभी मिलेगी पर कौन समझाए इस पागल को सब की बातें रोशनी सुन रही होती है प्रमोद और माधुरी भी सुनते हैं लेकिन कोई रोशनी चुप रहती है वह किसी का जवाब नहीं देती लेकिन माधुरी से सुना नहीं जाता है वह मैं मनुष्य रहती है आप लोग मेरी पोती के बर्थडे में आए हैं तो आनंद लीजिए और दुआ करिए कि मेरी पोती मिल जाए ऐसी अनाप-शनाप बातें आप लोग क्यों कर रहे हैं क्या आप लोगों में इंसानियत नाम की कोई चीज नहीं है अगर कोई अपना गम भूलने की कोशिश कर रहा है तो आप लोग उसकी जख्मों पर मर है मरहम लगाने की बजे नमक छिड़क रहे हैं कैसे दोस्त हैं आप लोग किसी के दर्द में सहारा ना बनाकर बल्कि उसकी खिल्लियां उड़ा रहे हैं हमारी रोशनी को भरोसा है कि उसकी बेटी वापस आएगी देखना उसकी बेटी एक दिन वापस जरूर आएगी एक मां की ममता के आगे भगवान को झुकना होगा और हमारी परी जरूर वापस आएगी
मेहमानों जाने के बाद प्रमोद परी से कहते हैं अब बस भी करो रोशनी कितने दिन तुम इस उम्मीद में जियोगी कि तुम्हारी बेटी वापस आएगी हमारी बेटी को चुकी है अब वह हमें कभी नहीं मिलेगी इस तरह से अपना मजाक मत बनो तुम सुन रही थी ना दावत में आए हुए लोग किस तरह से मजाक बना रहे थे कैसी-कैसी बातें कर रहे थे और तो और वह लोग तुम्हें पागल कह रहे थे क्या उनकी बातें तुम नहीं सुन रही थी मुझे अब यह सब कुछ बर्दाश्त नहीं होता अब मान जाओ भूल जाओ परी को चलो हम लोग किसी अनाथ आश्रम से एक बीवी को गोद लेते हैं उसका नाम परी रखेंगे फिर हमें परी की याद कभी नहीं आएगी रोशनी कहती है हमारे पास तो बहुत बच्चे हैं हमारी नृत्य कॉलेज में क्या तू मुझे अपनी परी की याद नहीं आती है मुझे अपनी पारी की याद हमेशा आएगी और मुझे भरोसा है कि वह एक दिन वापस जरूर आएगी
क्रमशः