कई दिनों से कॉलेज में परी को ना देख रोशनी उससे मिलने उनके घर जाती है लेकिन जब रोशनी परी के घर जाती है तो परी रोशनी से बात ही नहीं करती है परी कहती है मेरे भैया ने आपसे बात करने के लिए मना किया है इसलिए मैं आपसे बात नहीं करूंगी और आप भी हमसे बात ना करें परी के इस बर्ताव से रोशनी के दिल को चोट लगती है वह परी से बार बार बात करने की कोशिश की लेकिन परी इक बार भी उनसे बात नहींकी परी को भी ऐसा करके बहुत दुख हुआ लेकिन वह और क्या करती आखिर उसके संघर्ष भैया को रोशनी से बात करने के लिए मना किए थे
एक दिन प्रमोद ने संघर्ष को अपने घर दावत पर बुलाया संघर्ष को नहीं पता था की जिसके घर दावत पर जा रहा है वह रोशनी का घर है संघर्ष प्रमोद की घर दावत पर जाता है वहां जाकर खाना खाने के बाद प्रमोद संघर्ष को परी के कमरे में ले जाते हैं परी की सारी चीज दिखाते हैं जो उन्होंने 5 सालों में खरीदी थी ढेर सारे खिलौने थे नए-नए कपड़े थे और बहुत सारी कार्टून भी रखी गई प्रमोद एक-एक चीजों का परिचय कराते हुए संघर्ष से कहते हैं संघर्ष बेटा यह सब चीज हमने हमारे परी के लिए खरीदी है इतना ही नहीं हर साल हम लोग उसका बर्थडे भी मानते हैं मेरे द्वारा बुलाए गए मेहमान आते हैं और हमारा ही मजाक बना कर चले जाते हैं मैंने बहुत समझाया रोशनी को कि वह परी का बर्थडे ना मनाए लेकिन रोशनी को यह विश्वास है कि उसकी परी वापस जरूर आएगी इसलिए उसे लोगों के तनों तक का भी एहसास नहीं होता जब रोशनी को परी की याद आती है तो वह इस कमरे में चली आती है घंटे तक वह इस तरह बातें करती है मानव परी जैसी उसके सामने ही हो उसकी यह दशा मुझे अच्छी नहीं लगती बेटा मैंने उसे बहुत समझाया फिर भी वह नहीं मानी लेकिन जब वह घर आकर मुझे बताइए वह अपने परी की तस्वीर आपकी घर देखी है तो मेरी मन में भी एक उम्मीद जग गई मुझे लगने लगा है कि अब हमारी परी हमें वापस जरूर मिल जाएंगे बड़ी उम्मीद से हमने आपको बुलाया है कृपया करके आप हमारी परी को रोशनी को दे दे आपका बहुत उपकार होगा फिर संघर्ष कहता है यह किसने कहा परी आपकी बेटी है परी सिर्फ हमारी बहन है वह मेरी सगी बहन है प्रमोद कहता है अगर इतना आग्रह पत्थर के सामने भी किया जाए तो वह पत्थर भी पिघल जाता लेकिन पता नहीं तुम किस पत्थर की बने हो तुम्हें एक मां की ममता का एहसास तक नहीं हो रहा है कैसे होता है आखिर तुम्हारे पास मां नहीं है ना
प्रमोद रोशनी से कहता है रोशनी अब तुम परी को भूल जाओ क्योंकि यह पत्थर दिल लड़का तुम्हें तुम्हारी बेटी से कभी नहीं मिलने देगा क्योंकि इसकी सीने में दिल ही नहीं है रोशनी कहती है ठीक है संघर्ष मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि मेरी बेटी आपकी बहन है आप उसका बहुत अच्छे से ख्याल रखते हैं मेरा जब मन करेगा मैं उसे जाकर मिल लूंगी यह अलग बात है कि मैं उसे बात नहीं कर पाऊंगी क्योंकि आपने उसे बात करने से मना किया है लेकिन क्या हुआ मैं उसे देख तू सकूंगी यही मेरे लिए बहुत बड़ी बात होगी बहुत-बहुत धन्यवाद लेकिन जब संघर्ष घर आता है और वह सोचता है तो उसे लगता है कि अगर परी हमारे साथ रहीं तो उसका पालन पोषण अच्छी तरीके से नहीं हो पाएगा वह एक पढ़ी लिखी महान लड़की शायद नहीं बन पाएगी क्योंकि उसके पास इतने पैसे नहीं है अगर परी अपनी मां पापा की घर जाएगी उनके साथ रहेगी तो उसका पालन पोषण बहुत अच्छी तरीके से होगा मैं अपने स्वार्थ में उसका भविष्य खराब नहीं कर सकता मैं परी को सब कुछ सच-सच बता दूंगा ,बता दूंगा मैं कि मैं उसका सगा भाई नहीं हूं बल्कि उसे मैंने एक मेले में पाया था और रोशनी उसकी सगी मां मैं रोशनी के पास परी को खुद छोडूंगा फिर कैसे भी करके मैं अपनी बहन के बगैर रहूंगा मैं उसकी भविष्य को खराब नहीं करूंगा लेकिन संघर्ष परी को बहुत मानता है उसकी बगैर वह जी नहीं सकता फिर भी वह ऐसा फैसला करता है वह परी को अपने पास बुलाता है और परी से कहता है परी एक सच बात में तुझे बताने जा रहा हूं जो पिछले कई सालों से मैं छुपाता आया हूं तुम मेरी सगी बहन नहीं हो आज से 5 साल पहले मैंने तुझे एक मेले में पाया था मैंने बहुत कोशिश की तुम्हारी मम्मी पापा को ढूंढने की पर वह नहीं मिले तब से तुम मेरे पास ही थी मेरी बहन बनकर तुम हमेशा मेरी बहन बनकर रहोगी मुझे तुम्हारी याद हमेशा आएगी और रोशनी तुम्हारी सगी मां है तुम उनके साथ उनके घर चली जा
लेकिन भैया मैं आपकी बगैर नहीं रह सकती
मैं अपनी मां के साथ उतना ख़ुश नहीं रहूंगी जितना कि आपके साथ अगर आप भी हमारे साथ हमारी मां के घर चलेंगे तभी मैं जाऊंगी नहीं तो मैं कभी नहीं जाऊंगी संघर्ष उसे बहुत समझता है पर वह नहीं मानती है संघर्ष कहता है तु समझने की कोशिश कर मैं वहां नहीं जा सकता क्योंकि मैं उनका बेटा नहीं हूं मैं तुमसे वादा करता हूं मैं तुमसे मिलने आता रहूंगा लेकिन तुम्हारे साथ नहीं जा सकता तुझे वहां जाना ही होगा परि करती है मैं वहां नहीं जा सकती संघर्ष भैया मैंने आपको एक बार बताया ना फिर आप मेरी बातें क्यों नहीं मान रहे हैं मुझे नहीं चाहिए रोशनी मां मुझे सिर्फ अपना भाई संघर्ष चाहिए
संघर्ष परी को मनाने की कोशिश करता है लेकिन जब वह नहीं मानती है तो वह अपना कसम देकर उसे रोशनी के घर जाने पर मजबूर कर देता है और उसे अपने साथ ले जाकर रोशनी को देते हुए कहता है मुझे माफ कर दीजिए मैं आपका बहुत दिल दुखाया वाकई परी आपकी बेटी है बस यह कुछ दिनों के लिए मेरे पास आ गई थी तो मुझे लगने लगा था यह मेरी बहन है और आज भी यह मेरी बहन है लेकिन उससे पहले यह आपकी बेटी है आप मेरी बहन का बहुत अच्छे से ख्याल रखिएगा यह कहकर संघर्ष वहां से चला जाता है रोशनी अस्तभ खड़ी उसे देखते ही रह जाती है वह कुछ कहती उससे पहले वह वहां से जा चुका होता है पर परी को यहां बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है उसे हर बार अपने संघर्ष की याद आती हैं
संघर्ष छोड़कर तू चला आता है लेकिन उसे बार-बार परी की याद आती है वह फोन उठाता है पर उसे बात करने के लिए लेकिन फिर रख देता है सोचता है अगर मैं परी से बातें करूंगा तो उसे मेरी याद आ जाएगी मैं ऐसा नहीं कर सकता मैं उसे फोन नहीं करूंगा हां कुछ दिन बाद जाकर मैं उससे मिलूंगा
उधर परी ना खाना खाती है ना पानी पीती है किसी से बात भी नहीं करती बस वह चुपचाप सी अकेली कहीं बैठी रहती है संघर्ष भी अपनी बहन को हरदम याद करते हुए एकदम अकेला पड़ जाता है वह काम पर भी नहीं जाता रोशनी जब अपनी परी की यह हालत देखती है तो उसे बहुत दुख होता है वह कहती है परी तू खाना खा ले मैं खुद ही कल तुम्हारे संघर्ष भैया के घर जाकर तुम्हें उनके घर छोड़ दूंगी तुम्हें तुम्हारे संघर्ष भैया के पास छोड़ कर आऊंगी तुम अपने संघर्ष भैया के साथ ही रहना पहले तू खाना खा ले फिर परी एकदम से खुश हो जाती है और कहती है सच में आप मुझे संघर्ष भैया के यहां ले जाएगी यह तो बहुत मजे की बात है फिर कल सुबह हम लोग चलेंगे अगली सुबह रोशनी परी को लेकर संघर्ष की घर आती है संघर्ष अपनी बहन परी को देखकर काफी खुश होता है उसको गले से लगता है ढेर सारी बातें करते हैं यह सब देखकर रोशनी भी काफी खुश होती है और संघर्ष से कहती है संघर्ष यह अब हमेशा यही रहेगी तुम्हारे पास तुम्हारे साथ मैं जा रही हूं यह तुम्हारी बहन है सिर्फ तुम्हारी इसका ख्याल रखना मुझे तो अब आदत हो गई है अपनी बेटी के बगैर जीने की पर तुझे मैं इस हालत में नहीं देख सकती इसलिए मैं जा रही हू
जातें जातें रोशनी पीछे मुड़कर देखती है और संघर्ष से कहती है बेटा क्या ऐसा नहीं हो सकता तू भी हमारे साथ नहीं रह सकता हमारा बेटा बनकर
रोशनी के मुंह से बेटा शब्द सुनकर संघर्ष फूले नहीं समता है वह काफी खुश होता है फिर भी चुप रहता है तभी परी बोल उठाती है भैया यह तो बहुत अच्छा है रोशनी मैम बहुत अच्छी है यह बहुत अच्छी मां है दुनिया की सबसे अच्छी मां आप इनका बेटा बन जाइए फिर हम सब एक साथ रहेंगे मान जाइए ना भैया वैसे भी मुझे मेरी मां की बहुत याद आती है चलिए ना मम्मी के साथ उनके घर हम सब साथ रहेंगे एक साथ परी की आवाज सुनकर संघर्ष रोशनी को मा कहते हुए उनके गले से लिपट जाता है रोशनी भी उन्हें अपनी बेटा की तरह खूब लाड प्यार करती है अब रोशनी को उसकी बेटी परी बेटा संघर्ष दोनों मिल चुके होते हैं और रोशनी का विश्वास जीत जाता है वह काफी खुश होती है और इस प्रकार से उसका एक खुशहाल परिवार बन जाता है रोशनी के परिवार में प्रमोद रोशनी माधुरी चाची परी और संघर्ष सब खुशी-खुशी एक साथ मिलकर रहने लगते हैं रोशनी भगवान को धन्यवाद देती है और अपने इस खुशी भरे जीवन को आनंद के साथ जीने लगती हैं।
( ज्योति यादव के कलम से ✍️
कोटिसा विक्रमपुर सैदपुर गाजीपुर 🙏🙏🌹🙏✍️ )