शब्द और अपने अपने भावार्थ शब्दपुष्प पिरोकर बनाए हैं पुष्पों के हार, चाहे कांच के टुकड़े समझें या हीरों के हार... इस किताब में ईश्वर भक्ति, देश भक्ति, ईमानदारी जज्बात और उसूल, मोहब्बत, दायित्व, प्रेम, स्नेह, राजनीति, परोपकार, ज्ञान, धर्म इंसानिय
इस साझा संकलन बुक में देश प्रेम और भक्ति भावना जैसे अनेकों कहानी सहेजी गई है , इस साझा संकलन में भाग लेने वाले सभी रचनाकारों ने अपनी रचनाएं मार्मिक और भाव पूर्ण रचना रही हैं