मूल हिंदी में प्रकाशन के समय से 'आवारा मसीहा' तथा उसके लेखक विष्णु प्रभाकर न केवल अनेक पुरस्कारों तथा सम्मानों से विभूषित किए जा चुके हैं, अनेक भाषाओं में इसका अनुवाद प्रकाशित हो चुका है और हो रहा है। 'सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार' तथा ' पाब्लो नेरुदा
‘पद्यमभूषण’ से सम्मानित लेखक विष्णु प्रभाकर का यह कहानी-संकलन हिन्दी साहित्य में मील का पत्थर साबित हुआ है। इसमें लेखक ने जिन चुनिंदा सोलह कहानियों को लिया है उनकी दिलचस्प बात यह है कि अपनी हर कहानी से पहले उन्होंने उस घटना का भी उल्लेख किया है जिसने
वैद्यनाथ मिश्र नागार्जुन की प्रतिनिधि कविताएँ का संकलन।
सप्तदशी विष्णु प्रभाकर का एक उपन्यास है, जो 1947 में प्रकाशित हुआ था. यह उपन्यास भारत के विभाजन के दौरान एक परिवार के जीवन का वर्णन करता है. उपन्यास का मुख्य पात्र, जयदेव, एक युवा व्यक्ति है जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से शामिल है. ज
आम लोगों की जिंदगी की तरह तरह के रंग बिखेरती हुयी कहानियाँ जो कभी आपको हँसाएगी , कभी आपकी आँखें नम कर देंगी और कभी सोचने पर मजबूर कर देंगी। भावनाओं की कशमकश , विचारों की उथल पुथल में झूलते पात्रों से मिल कर लगेगा कि उसे आपने जरूर कभी न कभी अपने आस
इतना लम्बा जीवन हम जीते हैं,उसमे सुख है,दुःख है, मस्ती है,मिलना है,बिछुड़ना है,जीवन की पटरी उतार- चढ़ाव से भरी है,जीवन के इस सफ़र में लोग मिलते हैं,बिछुड़ते हैं, उस जीवन के छोटे छोटे हिस्सों को लेकर बनती है एक कहानी वो कहानी जो आपके और हमारे जीवन से
इस कहानी में एक व्यक्ति अपनी पत्नी और उसके दोस्त को दो परस्पर ऐसे अपरिचित व्यक्तियों की कहानी सुनाता है जो संयोगवश मिलते हैं और एक प्रेम त्रिकोण की शुरूआत होती है। इस प्रेम कहानी में पात्रों के माध्यम से प्रेम के विभिन्न रूपों के साथ-साथ प्रकृति एवं
यह एक बहुत मनोरंजन और दिलचस्प कहानी है भगवान शैतान और इंसान के बीच हुए एक सौदे के।
नागार्जुन के काव्य संग्रह खिचड़ी विप्लव देखा हमने का संकलन।
अभागा, निशानी, हाथ का बुना स्वेटर, लूट का माल एवं नील पदम् लिखित अन्य कहानियाँ
गजानन माधव मुक्तिबोध की प्रतिनिधि कविताएँ।
नागार्जुन द्वारा रचित हज़ार-हज़ार बाहों वाली का काव्य संकलन।
एक स्वप्न कथा के पूर्ण संकलन।
नागार्जुन के काव्य संग्रह पुरानी जूतियों का कोरस का संकलन।
बेशक वो लोग जो कहते हैं कि हमारा रब अल्लाह हैऔर उस पर क़ायम रहें,तो फ़रिश्ते कहते हैं कि न डरो,न ग़म करो और ख़ुश रहो उस जन्नत पर जिसका तुमसे वादा किया जा रहा है। सय्यदना अबु हुरैरा रज़ी० से रिवायत है कि हुज़ूर नबी ए करीम सल्लाहो अलैहि वसल्लम न
राजा व रानी की कहानी
ये किताब की कहानी किसके अपबिती है, कहानी के पत्र और जगह काल्पनिक हो सकता है। अगर किसके साथ इस कहानी का समानता होती है तो इसे एक सहोयोग हो सकता है। धन्यवाद।
गजानन माधव मुक्तिबोध की प्रचलित महाकाव्य अंधेरे में का संकलन
मुक्तिबोध की लंबी कविता 'एक अंतर्कथा' का संकलन।
मुक्तिबोध की लंबी कविता 'कहने दो उन्हें जो यह कहते हैं' का संकलन।