मैं अपने जीवन की छोटी सी कहानी को पहली बार इस वेबसाइट के माध्यम से लिखना जा रहा हूं,जिसका नाम मैंने रखा है, (सबसे बड़ा रोग, मतलब इंसान की सबसे बड़ी बीमारी,) मेरा 32साल का अनुभव कहता है की हर एक इंसान की पहली बीमारी है (लोग क्या कहेंगे)आप खुद ही सोचिए कि आपने भी इस शब्द का उपयोग कभी न कभी आपने मन मैं या कभी किसी से ज़रूर बोला होगा,आप सोच रहै हो शायद की हमने ये शब्द जरूर सुनें और बोला होगा, पर ये बिमारी केसे हो सकती है,अक्सर हम ज़ब एसा सोचते हैं, उस समय हम्म थोड़े शर्मसार हो जाते है और हमारा सोचा हुआ काम रुक जाता है,इसी बात से की लोग क्या सोचेंगे फिर हम उसी काम को थोड़ा प्रोफेशन से थोड़े लोगो के हिसाब से, थोड़ा देर से करेंगे ,ऐसे विचार आने पर टाइम का नुक्सान और दिमाग के आंदर परेशर पड़ता हैं और आपके अंदर एक नई बामारी पैदा हो जाती हैं ये बिमारी गॉड गिफ्ट तो नहीं हैं लेकिन ये इंसान ने खुद आपने अंदर पैदा किया है ये कहानी अभी बहुत लंबी होने वाली है लेकिन आपको समझ में आ गया होगा (partys.marriges.birthdays.anather party n fagtion मैं आपकी 100सोच पे एक सोच ये ज़रूर होगी