shabd-logo

सहयोग की भावना

9 मार्च 2022

41 बार देखा गया 41
9 मार्च 2022
   बुधवार
समय-06:05(शाम)


मेरी प्यारी सखी,
आज इतने दिनों बाद हमारी पुनः वापसी हैं। कल से हम सभी अपने कामों में व्यस्त हो जाएंगे।
      बच्चे अपनी पढ़ाई में, तो हम घर गृहस्थी में। जीवन पुनः अपनी रफ़्तार में चलने लगेगी।
         अभी ट्रेन में बैठी बैठी मैं, आने जाने वाले लोगों को निहार रही हूॅं। आते समय खाने के लिए कुछ भी खरीद नहीं पाए। जिस कारण ट्रेन में बेचे जाने वाले लंच को ही खरीद कर खाना पड़ा।
    ट्रेन में कितने ही प्रकार के लोग मिलते हैं। कई बिल्कुल चुप तो कहीं बहुत अधिक बोलने वाले। पतिदेव तो बस, उनकी बातचीत का सिलसिला आरंभ हो जाता है ट्रेन में।
   आज भी मार्ग में एक सज्जन जो इस्कान से ताल्लुक रखने वाले मिले। बस फिर क्या था चल निकला बातों का दौर।
   वैसे ट्रेन में पिताजी भी चलते हुए कई लोगों से बातें करते हुए जाते हैं। पिताजी आज भी कहते हैं जितने लोगों से बातें होगी उतनी ही जानकारियों का भंडार बढ़ता जाएगा। वैसे भी बात करने से कई चीजों की अनभिज्ञता दूर होने के साथ व्यक्तित्व में भी निखार आता है।
              यात्रा में जाते हुए पहले पैकिंग करना फिर उन सब चीजों को धो धाकर अपनी जगह व्यवस्थित करना। इतने दिनों बाद घर भी कूड़ेदान सा बन जाता है। बस बैठे बैठे मन में ही सारी व्यवस्थाएं सोच ली। जाकर साफ सफाई में लगना पड़ेगा।
    आज हम लोग तकरीबन 7 बजे तक घर पहुंच जाएंगे।  कल सुबह की ट्रेन से जेठ और जेठानी जी अपनी यात्रा पर निकलेंगे। संयुक्त परिवार की सबसे बड़ी खासियत यही है कि एक दूसरे पर हम निर्भर रह सकते हैं। जेठ जी अपने दोनों बच्चों को छोड़कर खुद अकेले ही यात्रा पर निकल रहें हैं।
  जेठानी जी के भाई के बेटे की शादी है। बेटी की परीक्षा है जिस कारण बेटे और बेटी दोनों को यही मेरे पास छोड़कर जा रहे हैं। वे शादी में शामिल होकर लौट आएंगे।
                     एक दूसरे का सहयोग करके ही तो परिवार चलता है। क्यों सही कहा ना मैंने???


 लेखिका
     पापिया
               



 











19
रचनाएँ
मेरे विचार
0.0
मेरे विचार का समुद्र मंथन
1

शिव रात्रि की शुभकामनाएं

1 मार्च 2022
1
0
0

1 मार्च 2022 मंगलवार समय-09:05मेरी प्यारी सखी, समय तो मानो दौड़ता भागता जा रहा है। आज साल का तीसरा महीना भी आरंभ हो चुका है। &nbsp

2

कांसर घंटा

1 मार्च 2022
0
0
0

1 मार्च 2022 मंगलवारसमय-11:41मेरी प्यारी सखी, अनजान शहर होने के कारण हम शिव मंदिर की तलाश में भटक रहे थे। राह में पूछते हुए जा रहे थे कि शिव मंदिर

3

विचारों में परिपक्वता

2 मार्च 2022
0
0
0

2 मार्च 2022 बुधवारसमय-11:00(सुबह)मेरी प्यारी सखी, आज भी कितने ही वाद विवादों के बीच निष्कर्ष यही निकलता है कि नारियों का स्थान आज श्रेष्ठ हो चुका है। चाहे वह शिक्षा-दीक्षा ह

4

शादी का माहौल

6 मार्च 2022
0
0
0

6 मार्च 2022 रविवार समय- 11:30 (प्रातः)मेरी प्यारी सखी, समय की व्यस्तता के कारण तुम से बात नहीं हो पाई, माफ करना। एक तो शादी का माहौल, दूसरा एक जगह से दूसरी जगह, द

5

नारी सशक्तिकरण

8 मार्च 2022
0
0
0

8 मार्च 2022 मंगलवार समय-09:40(रात) मेरी प्यारी सखी, जब हाथ में मोबाइल लिया और मोबाइल में whatsapp खोला

6

सहयोग की भावना

9 मार्च 2022
0
0
0

9 मार्च 2022 बुधवारसमय-06:05(शाम)मेरी प्यारी सखी,आज इतने दिनों बाद हमारी पुनः वापसी हैं। कल से हम सभी अपने कामों में व्यस्त हो जाएंगे। बच्चे अपनी पढ़ाई में, तो हम घर गृ

7

उम्मीद

10 मार्च 2022
1
1
0

10 मार्च 2022 गुरुवार समय- 10:45 (रात)मेरी प्यारी सखी, ना जाने ऐसा कब होगा कि जब शिक्षित लोगों के पास पढ़ाई की डिग्री के साथ व्यवहारिक ज्ञान भी

8

अश्रु

14 मार्च 2022
0
0
0

यूं ही आंखें कभी रिमझिम बरस पड़ती है।जरूरी तो नहीं कि बिन बादल के बारिश ना हो।।कई बार भीड़ भी जन सैलाब नहीं होती।पथराई आंखें कभी दिल का बयां भी होती है।।

9

विकट स्थिति

15 मार्च 2022
0
0
0

15 मार्च 2022 मंगलवार समय- 11:00 (रात) मेरी प्यारी सखी,सवेरे सवेरे ही बहुत भाग दौड़ हो गई। कारण था घर में सांप का निकलना। वैसे तो पतिदेव और बेटी उसे निकालने के लिए पुरजोर

10

अहसास

17 मार्च 2022
0
0
0

17 मार्च 2022 गुरुवार समय - 12:20(दोपहर)मेरी प्यारी सखी, एक चिड़िया के बच्चे चार,

11

होली की शुभकामनाएं

18 मार्च 2022
0
0
0

होली आई होली आई,रंगों की सौगात है लाई।पिचकारियों में रंग भर,डाले सब पर मन भर। मठरी, गुजिया से सजी है थाली,बुरा न मानो आई होली।।

12

खुश हो लें

20 मार्च 2022
0
0
0

20 मार्च 2022 रविवार समय- 05:15मेरी प्यारी सखी, सुबह से ही भाग दौड़, साफ सफाई का दौर चलते चलते अब जाकर बैठने का थोड़ा समय मिला है। कई बार काम की अधिकता के का

13

अजीब परिवेश

21 मार्च 2022
1
1
0

21 मार्च 2022 सोमवार समय- 11:45 मेरी प्यारी सखी,कई बार हमारे देश की अजीब स्थिति देख कर मन में अजीब सी उलझन पैदा हो जाती है। हमारे देश की प्रतिभा को हम भुनाने की अपे

14

यादों के झरोखे

22 मार्च 2022
1
0
0

<div>कुछ किस्से कहानियां कुछ अनमोल सी यादें, </div><div>कभी गुड मूड सी होती रातों की अलबेली सी बातें।</div><div>कुछ जब तब आंखों से देखे गए सपने अपने से,</div><div>पर दिल से बिसराई ना जाए, रैना बी

15

जल बचाओ

22 मार्च 2022
1
0
0

22 मार्च 2022 मंगलवार समय- 11:45(रात)मेरी प्यारी सखी,हम सब सीखते कुछ है और उसे व्यवहार जीवन में कुछ और ही तरह से प्रयोग में लाते हैं। बचपन में जब भी मैं विवाद या निबन्ध लिखती थी, जल स

16

नाम के काम

23 मार्च 2022
1
0
0

कौन याद करता है शहीदों को,सिर्फ खानापूर्ति कर रह जाते हैं सभी।।देशभक्त हो अपने घर में नहीं, पड़ोस के घर में जन्मे चाहते हैं सभी।।

17

कब तक

27 मार्च 2022
0
0
0

नवजीवन का बीज लिएचलता रहता मन पल पल ह्रदय से उच्छवास स्तर तक क्षणभंगुर यह जीवन... आखिर कब तक।।

18

स्वप्न

29 मार्च 2022
0
0
0

सपने कभी चुरा लेते हैं आंखों से निंदिया ही।कभी बरबस आंखों से ही बहने लगते हैं दफन होकर।।

19

नन्हा प्यारा डॉगी

30 मार्च 2022
0
0
0

30 मार्च 2022 बुधवार समय 8:40 (रात)मेरी प्यारी सखी, आज बहुत दिनों बाद तुमसे बात करने का मौका मिला। असल में कारण यह है कि‌ हमारे घर में छोटा सा नन्हा म

---

किताब पढ़िए