15 मार्च 2022
मंगलवार
समय- 11:00 (रात)
मेरी प्यारी सखी,
सवेरे सवेरे ही बहुत भाग दौड़ हो गई। कारण था घर में सांप का निकलना। वैसे तो पतिदेव और बेटी उसे निकालने के लिए पुरजोर कोशिश में लगे हुए थे। लेकिन वह भी शायद हठी था। जितना ही निकालने की कोशिश करते, कभी वहां रखे बैग के अंदर तो कभी बॉक्स के पीछे छुप जाता।
अचानक किसी काम के सिलसिले में पतिदेव को बाहर जाना था। फोन आया था उनका। तब तक बाप बेटी उसे निकालने की मशक्कत कर रहे थे और वह न जाने कहां आंख बचाकर वह छुप गया। जब दिखाई देना बंद हो गया तो पतिदेव ने कहा तुम खड़े रहो यही पर। बाहर निकलता है तो मुझे फोन करना।
कहते हुए वे बाहर निकल गए और हम लोग वही बैठे रहे। कुछ देर की लंबी खामोशी के बाद सांप बाहर आया और दीवार के सहारे ऊपर की तरफ चढ़ने लगा। मैंने तुरंत फोन कर बताया इन्हें। वे भी सुनते ही वापस लौट आए। थोड़ी देर प्रयास करने के बाद बड़ी ही आसानी से उसे फटाफट पकड़ कर खेतों के छोड़ आए।
तुम्हें तो पता ही है कल कितना मजा आया होली खेलने में। हालांकि यह रंगों की नहीं थी। लेकिन पुष्पों की होली भी बेहद मनोरंजक होती है। मेरा तो इस प्रकार के आयोजन में जाने का पहला अवसर था। जहां भजन संध्या के साथ ही साथ फूलों की वृष्टि हो रही थी। सभी अपने सामने रखी हुई थालियों में से फूल लेकर एक दूसरे पर फेंक रहे थे। मानों रंगों की होली के स्थान पर पुष्प आ गए हैं। हंसी ठिठोली के साथ बहुत ही मनोरंजक और मनमोहक वातावरण तैयार हो गया था।
कारण चाहे कोई भी हो लेकिन यूक्रेन का युद्ध सभी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। शायद तृतीय विश्व युद्ध के कारण भी नजदीक दिखाई दे रहे हैं। स्वार्थ की राजनीति को छोड़कर क्यों हम शांति को नहीं अपना सकते्, यही पीड़ा मन को काफी परेशान करती है। न जाने भविष्य के गर्त में किस प्रकार की परिस्थिति देखने को मिलेगी?
शुभ रात्रि
लेखिका
पापिया