6 मार्च 2022
रविवार
समय- 11:30 (प्रातः)
मेरी प्यारी सखी,
समय की व्यस्तता के कारण तुम से बात नहीं हो पाई, माफ करना। एक तो शादी का माहौल, दूसरा एक जगह से दूसरी जगह, दूसरी से तीसरी जगह संबंधियों से मुलाकात, उनके घर जाना, बातचीत का दौर ऐसा चलता है कि ना तो तुमसे बात करने का मौका मिल रहा है और ना ही किसी प्रकार के खैर खबर की जानकारी हो पा रही है।
बस अब चाचा जी के घर से ननिहाल आने के बाद टोटो से उतर कर नास्ता करने के लिए बैठ गई। चाचा जी के घर से चाय, बिस्कुट, मिठाई खा कर आ गए हैं।
नाश्ता करने के बाद अब बातचीत का सिलसिला चल निकला है। कितने दिनों बाद ननिहाल आई हूॅं। तकरीबन 7-8 साल बाद। बहुत दिनों बाद ननिहाल आ आती हूॅं। वैसे भी लड़कियों की शादी हो जाने के बाद ससुराल पक्ष देखते हुए आगे की योजना बनानी पड़ती है।
इस बार मामा के बेटे की शादी पर आना हो पाया है। इस समय बच्चों की परीक्षा नहीं है और घर में सभी का स्वास्थ्य भी बढ़िया है। तो सोचा चलो यात्रा पर निकल ही जाए। बस बैग पैक किए और आ गई शादी में इंजॉय करने के लिए।
चलो अब के लिए इतना ही। दूसरी तरफ से हंसी की आवाजें आ रही है। अब मन मचल रहा है कि थोड़ी देर उनसे भी बातें कर लें।
फिर ना जाने कब मेरा यहां आना हो पाएगा। सखी फिर मिलती हूं तुमसे।
लेखिका
पापिया