shabd-logo

विचारों में परिपक्वता

2 मार्च 2022

46 बार देखा गया 46
2 मार्च 2022
  बुधवार
समय-11:00(सुबह)

मेरी प्यारी सखी,
      आज भी कितने ही वाद विवादों के बीच निष्कर्ष यही निकलता है कि नारियों का स्थान आज श्रेष्ठ हो चुका है। चाहे वह शिक्षा-दीक्षा हो या व्यापार या इसी प्रकार की चाहे सुविधाएं हो। हर जगह महिलाओं को आगे किया जाता है।
               लेकिन शायद स्थिति इससे अलग है। आज भी महिलाओं को एक वस्तु के रूप में ही देखा जाता है। चाहे परिवार हो, चाहे सामाजिक स्थल। जहां भी हम नजरें दौड़ाएंगे वही हमें गाहे-बगाहे यही स्थिति देखने को मिलेगी।
                    उत्तरी भारत में जहां लड़कियों को आज भी देवी तुल्य माना जाता है, उनके चरण छुए जाते हैं। लेकिन स्थिति ऐसी नहीं है जैसी दिखती है। 
          समाज में आज जब वही बेटी बहू बनकर जाती है तो उस पर नाना प्रकार के लांछन, नाना प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप लगाने में भी समाज पीछे नहीं हटता। उसके लिए सिर्फ एक ही रास्ता एक ही जगह सभी को दिखाई देती है रसोईघर। 
                साथ ही कहा जाता है लड़कियों का काम ही है रसोई संभालना। चाहे वह घर की रानी हो या कामकाजी महिला। चाहे एक ही जगह पति पत्नी काम करते हो। लेकिन पति वापस लौट कर सोफे पर बैठा है। वहीं महिला रसोई में खाना बनाने के लिए पहुंच जाती है। 
                कहां है समानता? इस प्रश्न का कौन जवाब देने के लिए तैयार है! शायद कोई नहीं। लड़कियों के लिए एक टेंग लगा दिया जाता है लक्ष्मी है घर को संभालती है। घर की गृहणी है। क्या लड़कों का दायित्व नहीं रसोई में मदद करें लेकिन...
                हरियाणा में जो महिलाएं ही सारा दिन खटती रहती है और पुरुष खाट पर बैठकर या तो बीड़ी पीते हैं या अनेकों प्रकार की फरमाइश करते हैं।
                                      कुछ सीमा तक पूर्वी भारत या दक्षिणी भारत में महिलाओं की स्थिति में फिर भी सुधार है। जहां महिलाओं को देवी तो नहीं माना जाता, लेकिन लड़कों के समकक्ष मानने की स्थिति देखी जाती है। लड़कियां भी लड़कों के समान बड़ों के चरण छूती है। वहीं उत्तरी भारत में लड़कियों के चरण छुए जाते हैं, उसे देवी माना जाता है और उस देवी की कोख में ही हत्या कर दी जाती है।
                                       कैसी मानसिकता है यह? नारी सशक्तिकरण के नाम पर ऐसा विचार ही घृणित है। पुरुष प्रधान समाज होने की स्थिति में एक सीमा तक आज भी महिलाओं को दबाया जाता है। 
                       शायद साक्षरता के बलबूते पर स्थिति में सुधार हो सकता है। धीरे-धीरे इस प्रकार के विचार की परिकल्पना पूर्ण होती हुई देखी जा सकती है या शायद हर लड़के की मां को यह समझाना होगा कि वह लड़की का उसी प्रकार सम्मान करें, जैसे वह अपनी मां का करता है। बचपन से ही जब तक इस प्रकार के विचार लड़कों में प्रवाहित नहीं होंगे तब तक विचारों की प्रभावधारा सकारात्मक कैसे हो सकती है?
                       हर विचार को व्यवहारिक होना आवश्यक है। तभी यह समाज परिवर्तित हो सकता है।

 लेखिका
   पापिया
                                                 

19
रचनाएँ
मेरे विचार
0.0
मेरे विचार का समुद्र मंथन
1

शिव रात्रि की शुभकामनाएं

1 मार्च 2022
1
0
0

1 मार्च 2022 मंगलवार समय-09:05मेरी प्यारी सखी, समय तो मानो दौड़ता भागता जा रहा है। आज साल का तीसरा महीना भी आरंभ हो चुका है। &nbsp

2

कांसर घंटा

1 मार्च 2022
0
0
0

1 मार्च 2022 मंगलवारसमय-11:41मेरी प्यारी सखी, अनजान शहर होने के कारण हम शिव मंदिर की तलाश में भटक रहे थे। राह में पूछते हुए जा रहे थे कि शिव मंदिर

3

विचारों में परिपक्वता

2 मार्च 2022
0
0
0

2 मार्च 2022 बुधवारसमय-11:00(सुबह)मेरी प्यारी सखी, आज भी कितने ही वाद विवादों के बीच निष्कर्ष यही निकलता है कि नारियों का स्थान आज श्रेष्ठ हो चुका है। चाहे वह शिक्षा-दीक्षा ह

4

शादी का माहौल

6 मार्च 2022
0
0
0

6 मार्च 2022 रविवार समय- 11:30 (प्रातः)मेरी प्यारी सखी, समय की व्यस्तता के कारण तुम से बात नहीं हो पाई, माफ करना। एक तो शादी का माहौल, दूसरा एक जगह से दूसरी जगह, द

5

नारी सशक्तिकरण

8 मार्च 2022
0
0
0

8 मार्च 2022 मंगलवार समय-09:40(रात) मेरी प्यारी सखी, जब हाथ में मोबाइल लिया और मोबाइल में whatsapp खोला

6

सहयोग की भावना

9 मार्च 2022
0
0
0

9 मार्च 2022 बुधवारसमय-06:05(शाम)मेरी प्यारी सखी,आज इतने दिनों बाद हमारी पुनः वापसी हैं। कल से हम सभी अपने कामों में व्यस्त हो जाएंगे। बच्चे अपनी पढ़ाई में, तो हम घर गृ

7

उम्मीद

10 मार्च 2022
1
1
0

10 मार्च 2022 गुरुवार समय- 10:45 (रात)मेरी प्यारी सखी, ना जाने ऐसा कब होगा कि जब शिक्षित लोगों के पास पढ़ाई की डिग्री के साथ व्यवहारिक ज्ञान भी

8

अश्रु

14 मार्च 2022
0
0
0

यूं ही आंखें कभी रिमझिम बरस पड़ती है।जरूरी तो नहीं कि बिन बादल के बारिश ना हो।।कई बार भीड़ भी जन सैलाब नहीं होती।पथराई आंखें कभी दिल का बयां भी होती है।।

9

विकट स्थिति

15 मार्च 2022
0
0
0

15 मार्च 2022 मंगलवार समय- 11:00 (रात) मेरी प्यारी सखी,सवेरे सवेरे ही बहुत भाग दौड़ हो गई। कारण था घर में सांप का निकलना। वैसे तो पतिदेव और बेटी उसे निकालने के लिए पुरजोर

10

अहसास

17 मार्च 2022
0
0
0

17 मार्च 2022 गुरुवार समय - 12:20(दोपहर)मेरी प्यारी सखी, एक चिड़िया के बच्चे चार,

11

होली की शुभकामनाएं

18 मार्च 2022
0
0
0

होली आई होली आई,रंगों की सौगात है लाई।पिचकारियों में रंग भर,डाले सब पर मन भर। मठरी, गुजिया से सजी है थाली,बुरा न मानो आई होली।।

12

खुश हो लें

20 मार्च 2022
0
0
0

20 मार्च 2022 रविवार समय- 05:15मेरी प्यारी सखी, सुबह से ही भाग दौड़, साफ सफाई का दौर चलते चलते अब जाकर बैठने का थोड़ा समय मिला है। कई बार काम की अधिकता के का

13

अजीब परिवेश

21 मार्च 2022
1
1
0

21 मार्च 2022 सोमवार समय- 11:45 मेरी प्यारी सखी,कई बार हमारे देश की अजीब स्थिति देख कर मन में अजीब सी उलझन पैदा हो जाती है। हमारे देश की प्रतिभा को हम भुनाने की अपे

14

यादों के झरोखे

22 मार्च 2022
1
0
0

<div>कुछ किस्से कहानियां कुछ अनमोल सी यादें, </div><div>कभी गुड मूड सी होती रातों की अलबेली सी बातें।</div><div>कुछ जब तब आंखों से देखे गए सपने अपने से,</div><div>पर दिल से बिसराई ना जाए, रैना बी

15

जल बचाओ

22 मार्च 2022
1
0
0

22 मार्च 2022 मंगलवार समय- 11:45(रात)मेरी प्यारी सखी,हम सब सीखते कुछ है और उसे व्यवहार जीवन में कुछ और ही तरह से प्रयोग में लाते हैं। बचपन में जब भी मैं विवाद या निबन्ध लिखती थी, जल स

16

नाम के काम

23 मार्च 2022
1
0
0

कौन याद करता है शहीदों को,सिर्फ खानापूर्ति कर रह जाते हैं सभी।।देशभक्त हो अपने घर में नहीं, पड़ोस के घर में जन्मे चाहते हैं सभी।।

17

कब तक

27 मार्च 2022
0
0
0

नवजीवन का बीज लिएचलता रहता मन पल पल ह्रदय से उच्छवास स्तर तक क्षणभंगुर यह जीवन... आखिर कब तक।।

18

स्वप्न

29 मार्च 2022
0
0
0

सपने कभी चुरा लेते हैं आंखों से निंदिया ही।कभी बरबस आंखों से ही बहने लगते हैं दफन होकर।।

19

नन्हा प्यारा डॉगी

30 मार्च 2022
0
0
0

30 मार्च 2022 बुधवार समय 8:40 (रात)मेरी प्यारी सखी, आज बहुत दिनों बाद तुमसे बात करने का मौका मिला। असल में कारण यह है कि‌ हमारे घर में छोटा सा नन्हा म

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए