shabd-logo

Sailesh Patel के बारे में

no-certificate
अभी तक कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला है|

Sailesh Patel की पुस्तकें

मेरी जिंदगी के कुछ सच्चे अल्फाज

मेरी जिंदगी के कुछ सच्चे अल्फाज

अपनों की दुनिया में भी अजीब सा मंजर होता है, जिन्हें निहत्था समझें अक्सर उन्हीं के पास खंजर होता है, घाव तो इतना गहरा देते हैं जितना की समुंदर भी नहीं होता है, फिर भी मुस्कुराकर जो विपरीत धाराओं का रुख मोड़ दे वही तो सिकंदर होता है,

निःशुल्क

मेरी जिंदगी के कुछ सच्चे अल्फाज

मेरी जिंदगी के कुछ सच्चे अल्फाज

अपनों की दुनिया में भी अजीब सा मंजर होता है, जिन्हें निहत्था समझें अक्सर उन्हीं के पास खंजर होता है, घाव तो इतना गहरा देते हैं जितना की समुंदर भी नहीं होता है, फिर भी मुस्कुराकर जो विपरीत धाराओं का रुख मोड़ दे वही तो सिकंदर होता है,

निःशुल्क

Sailesh Patel की डायरी

Sailesh Patel की डायरी

भारतीय शादियां बहुत ही रंग बिरंगी होती है।यही कारण है कि बच्चाें से लेकर वृद्ध तक इस रंग में रंगने के लिए लालायित रहते हैं । बात गर्मियों के शादी के समय की है जब संस्कार को एक शादी में शरीक होने का मौका मिला। घर के अंदर बाहर मेहमानों की भीड़ थी श

0 पाठक
1 रचनाएँ

निःशुल्क

Sailesh Patel की डायरी

Sailesh Patel की डायरी

भारतीय शादियां बहुत ही रंग बिरंगी होती है।यही कारण है कि बच्चाें से लेकर वृद्ध तक इस रंग में रंगने के लिए लालायित रहते हैं । बात गर्मियों के शादी के समय की है जब संस्कार को एक शादी में शरीक होने का मौका मिला। घर के अंदर बाहर मेहमानों की भीड़ थी श

0 पाठक
1 रचनाएँ

निःशुल्क

Sailesh Patel के लेख

आत्महत्या क्यों

26 अक्टूबर 2021
2
4

<p>जिंदगी में तकलीफें तो हमने भी बहुत झेली है,</p> <p>हम न रोए लेकिन आंखों ने खुद को भिगो ली हैं,</p

रब से मेरी आरजू

25 अक्टूबर 2021
2
7

<p>ऐ खुदा इश्क की हवा से हमें बचाए रखना,</p> <p>डूब न जाएं ख्यालों में किसी के इसलिए अक्सर हमें उलझा

एक और अफसाना मेरी जिंदगी का

22 अक्टूबर 2021
0
0

<p>यहां तो बिना अप्रैल फूल के ही हमसे भद्दा मजाक कर जाते हैं, <br> दूसरों की बेशर्माई का सेहरा हमें

सभी बहनों के लिए

21 अक्टूबर 2021
1
0

<p>ये रक्षाबंधन का त्योहार लोग मनाते क्यों है,</p> <p>अपनी बहनों से इतना ही प्रेम है तो दूसरों की बह

मेरी एक महिला पड़ोसी के लिए

21 अक्टूबर 2021
1
0

<p>हमारे घर के पीछे भी अजीब से अफसाने हैं,</p> <p>पति को छोड़कर बाकी सब उनके दीवाने हैं,</p> <p>पागल

अपनी 12वीं कक्षा की क्लासमेट के लिए

21 अक्टूबर 2021
1
2

<p>हाल तो बेहाल,</p> <p>जीना तो एकदम मुहाल है,</p> <p>क्योंकि हमारे ऊपर निराधार आरोपों का एक जाल है,

अपनों के लिए

21 अक्टूबर 2021
2
6

<p>अपनों की दुनिया में भी अजीब सा मंजर होता है,</p> <p>जिन्हें निहत्था समझें अक्सर उन्हीं के पास खंज

अनुसाशनहीन कल्पना का परिणाम

21 अक्टूबर 2021
0
0

<p><br></p> <p><br></p> <p>प्रेम के रंग में रंगने के बाद हमारा नजरिया और स्वभाव दोनों ही बदल जाते है

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए