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अपनों के लिए

21 अक्टूबर 2021

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अपनों की दुनिया में भी अजीब सा मंजर होता है,

जिन्हें निहत्था समझें अक्सर उन्हीं के पास खंजर होता है,

घाव तो इतना गहरा देते हैं जितना की समुंदर भी नहीं होता है,

फिर भी मुस्कुराकर जो विपरीत धाराओं का रुख मोड़ दे वही तो सिकंदर होता है,

26 अक्टूबर 2021

Sailesh Patel

Sailesh Patel

26 अक्टूबर 2021

Thank you

Ranjana

Ranjana

शानदार प्रस्तुति

25 अक्टूबर 2021

Sailesh Patel

Sailesh Patel

25 अक्टूबर 2021

जो हम जीते हैं वही लिखते हैं, बहुत बहुत आभार आपका

Pragya pandey

Pragya pandey

वाह शानदार लिखा आपने 👌

21 अक्टूबर 2021

Sailesh Patel

Sailesh Patel

21 अक्टूबर 2021

Thank you so much 🙏🙏🙏

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रचनाएँ
मेरी जिंदगी के कुछ सच्चे अल्फाज
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अपनों की दुनिया में भी अजीब सा मंजर होता है, जिन्हें निहत्था समझें अक्सर उन्हीं के पास खंजर होता है, घाव तो इतना गहरा देते हैं जितना की समुंदर भी नहीं होता है, फिर भी मुस्कुराकर जो विपरीत धाराओं का रुख मोड़ दे वही तो सिकंदर होता है,
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अपनों के लिए

21 अक्टूबर 2021
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<p>अपनों की दुनिया में भी अजीब सा मंजर होता है,</p> <p>जिन्हें निहत्था समझें अक्सर उन्हीं के पास खंज

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अपनी 12वीं कक्षा की क्लासमेट के लिए

21 अक्टूबर 2021
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<p>हाल तो बेहाल,</p> <p>जीना तो एकदम मुहाल है,</p> <p>क्योंकि हमारे ऊपर निराधार आरोपों का एक जाल है,

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मेरी एक महिला पड़ोसी के लिए

21 अक्टूबर 2021
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<p>हमारे घर के पीछे भी अजीब से अफसाने हैं,</p> <p>पति को छोड़कर बाकी सब उनके दीवाने हैं,</p> <p>पागल

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सभी बहनों के लिए

21 अक्टूबर 2021
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<p>ये रक्षाबंधन का त्योहार लोग मनाते क्यों है,</p> <p>अपनी बहनों से इतना ही प्रेम है तो दूसरों की बह

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एक और अफसाना मेरी जिंदगी का

22 अक्टूबर 2021
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<p>यहां तो बिना अप्रैल फूल के ही हमसे भद्दा मजाक कर जाते हैं, <br> दूसरों की बेशर्माई का सेहरा हमें

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रब से मेरी आरजू

25 अक्टूबर 2021
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<p>ऐ खुदा इश्क की हवा से हमें बचाए रखना,</p> <p>डूब न जाएं ख्यालों में किसी के इसलिए अक्सर हमें उलझा

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आत्महत्या क्यों

26 अक्टूबर 2021
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<p>जिंदगी में तकलीफें तो हमने भी बहुत झेली है,</p> <p>हम न रोए लेकिन आंखों ने खुद को भिगो ली हैं,</p

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