हाल तो बेहाल,
जीना तो एकदम मुहाल है,
क्योंकि हमारे ऊपर निराधार आरोपों का एक जाल है,
हमें भी नहीं पता कहां से आया ये बवाल है,
उसने भी हमें नहीं बताया शायद उसका उद्देश्य ही गोलमाल है,
इसलिए मेरा चेहरा अब गुस्से से एकदम लाल है,
उसने मेरा कोई लिहाज नहीं रखा इस बात का भी मुझे मलाल है,
गलतफहमियां तो इस कदर हैं उनके अंदर कि मेरा चरित्र ही उनकी समस्या का सवाल है,
ऐसा लगता है कि भरोसे का पायदान उनके लिए चीन का मॉल है,
बीते जीवन में जिन्हे कभी पलट कर नहीं देखा उनको लगता है की उनका आकर्षण मेरे लिए धमाल है,
एक बात याद रखना सत्य प्रताड़ित हो सकता, लेकिन पराजित नहीं इस दुनिया में यही एक तो कमाल है,
बस यही सोचकर ही हम निहाल हैं।