साहित्य में स्त्री विमर्श एक ऐसा शब्द है जिस पर विचार मंथन हर काल में किया गया है। स्त्री समाज का ऐसा हिस्सा है जिसने अपने जीवन के हर कदम मे अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए संघर्ष किया है। पितृसत्तामक समाज मे स्त्री को रीति रिवाज की बेडियो मे जकड रखा है। भले ही आज हम इक्कीसवीं सदी मे जी रहे है पर आज भी स्त्री को संघर्ष करना पड रहा है। आज भी कई क्षेत्र ऐसे है जहां महिलाओ को सम्मान, पढने का अवसर, घर से बाहर जाने नही दिया जाता। पर इन सब बंदिशो को तोडकर महिलाओ ने अपने दम पर अपनी पहचान बनायी है और दुनिया को बताया है कि एक स्त्री किसी से कम नही। बस एक ऐसी ही महिला की कहानी है "संघर्ष" जिसने अपनी जिंदगी के हर कदम पर संघर्ष किया। अपने जीवन मे आने वाली चुनौतियो का डटकर सामना किया और एक सशक्त महिला के रुप मे समाज के लिए प्रेरणा बनी। आशा करती हुं आपको यह उपन्यास पसंद आयेगा। उपन्यास पढते समय और पुरा पढने के बाद अपनी प्रतिक्रिया या समीक्षा जरुर व्यक्त किजिएगा।