*जय श्रीमन्नारायण*☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿*गुरु ही सफलता का स्रोत*🌺🌼🌺🌼🌺🌼🌺🌼 *भाग:-४* *गतांक से आगे------* *अनुभवति हि मूर्ध्ना पादपस्तीव्रमुष्णं।**शमयति परितापमं छायया संश्रितानाम्।।*(अभिज्ञान शाकुंतलम:५/7)अर्थात:- वृक्ष अपने सिर से तो तीव्रउष्णता का अनुभव करता है पर अपने आश्रितों के ताप को छाया से
आज पांच अगस्त का दिन है बड़ा महान बड़ा महान;भगवान श्री राम को मेरा प्रणाम मेरा प्रणाम।बालपन से संयम के साथ किया चरित्र साकार,छोटे भाइयों को दिया प्यार,बड़ों का किया सत्कार।