💐संकल्प💐
हमें आज संकल्प ये लेना है
पर्यावरण को हरा-भरा रखना है
बहुत हो गयी मनमानी सबकी
अब वसुंधरा का ध्यान रखना है
करना है विकास बहुतेरा
पर धरा को साथ में रखना है
विकास चक्र में सभी जीवों की
सहअस्तित्व का ध्यान रखना है
खींचकर जल धरा के गर्भ से
बहुत कर लिया खाली इसको
लगा कर कतार वृक्षों की
अब गर्भ को सिंचित करना है
पीपल, नीम, बरगद के तरुवर से
हमें धरती का आँचल भरना है
वीरान हो रही धरा को फिर एक बार
हरीतिमा की ओढ़नी देना है
माँ है ये धरती माता हमारी
एक माँ के जैसा इसे रखना है
उसकी इच्छानुसार देना है आदर
संतान सा स्नेह इससे पाना है
ये संकल्प हमें जन मानस के
अन्तस् में गहरे भरना है
हरियाली श्रंगार धरा का
इसे सदा सजा कर रखना है।।
आशा झा सखी