जीवन में एक दिन अचानक
तुम आ जाओगे,
सोचा न था
आँसुओं के खारे समन्दर को
मीठी नदी में बदल जाओगे
सोचा न था
मन की उथलपुथल को मेरे
बिना कुछ कहे समझ जाओगे
सोचा न था
बेनूर सी बीत रही जिंदगी ये मेरी
उल्लास जगा जाओगे
सोचा न था
लक्ष्यहीन सी बस रही थी भटक
मार्गदर्शक बन जाओगे
सोचा न था
खिलखिलाती हँसी खो गयी थी कहीं
अधरों पर सजा जाओगे
सोचा न था
भावनाओं का वेग मचा रहा शोर
शब्द बन जाओगे
सोचा न था
स्व पहचान को खोजती इधरउधर
उससे मिलवा जाओगे
सोचा न था
एक दिन फिर अचानक सब छोड़कर
लापता हो जाओगे
सोचा न था
मेरे अस्तित्व पर था इतना गहरा असर
तुम छोड़ जाओगे
सोचा न था
हर आहट पर तुझे खोजती है नजर
तुम मुझे भूल जाओगे
सोचा न था।।