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सोचा न था

13 मार्च 2022

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जीवन में एक दिन अचानक
तुम आ जाओगे,
सोचा न था

आँसुओं के खारे समन्दर को
मीठी नदी में बदल जाओगे
सोचा न था

मन की उथलपुथल को मेरे
बिना कुछ कहे समझ जाओगे
सोचा न था

बेनूर  सी बीत रही जिंदगी ये मेरी
उल्लास जगा जाओगे
सोचा न था

लक्ष्यहीन सी  बस रही थी भटक
मार्गदर्शक बन  जाओगे
सोचा न था

खिलखिलाती हँसी खो गयी थी कहीं
अधरों पर सजा जाओगे
सोचा न था

भावनाओं का वेग मचा रहा शोर
शब्द बन जाओगे
सोचा न था

स्व पहचान को खोजती इधरउधर
उससे मिलवा जाओगे
सोचा न था

एक दिन फिर अचानक सब छोड़कर
लापता  हो जाओगे
सोचा न था

मेरे अस्तित्व पर था इतना गहरा असर
तुम छोड़ जाओगे
सोचा न था

हर आहट पर तुझे खोजती है नजर
तुम मुझे भूल जाओगे
सोचा न था।।


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