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हिंदी भाषा

15 सितम्बर 2021

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हिंदी हमारी मातृभाषा
ये हर रसना पर छायी है
जन-जन के हृदय में बसती
ये सबके मन को भायी है

संस्कृत  है इसकी जननी 
देवनागरी भी कहलाती है
शब्दों का  आकाश अनंत ये
जग की हर भाषा पर भारी है

शब्दकोश में शब्द हैं इतने
जैसे गागर में सागर
रस, अलंकारों से सुज्जित
इसकी हर बात निराली है

एक बिंदी या अल्पविराम कोई
वाक्य का अर्थ ही बदल देती है
एक बिंदी की ताकत इसकी
अर्थ का अनर्थ बना देती है


हर पांच कोस पर  सखियाँ  मिलती
ये तो भाषाओं की महारानी है
लोक-आंचलिक भाषा मिलकर
इसकी समृद्धि बढ़ाती हैं

विश्व के सर्वाधिक जनों से
यह बोली, समझी जाती है
है ये विश्व के शीर्ष पाँच में
हिंदी पहचान हमारी है।।
आशा झा सखी






इसकी हर बात निराली है

आशा झा सखी की अन्य किताबें

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हिंदी भाषा

15 सितम्बर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">हिंदी हमारी मातृभाषा</span></div><div><span style="font-size: 16

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बारिश की बूंदें

19 सितम्बर 2021
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<div><span style="font-size: 16px;">💐💐बारिश की बूंदें💐💐</span></div><div><span style="font-size:

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दशहरा मनाये

15 अक्टूबर 2021
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4

घूँघट में सजनी

29 अक्टूबर 2021
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5

संकल्प

31 अक्टूबर 2021
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ऐ दोस्त

18 नवम्बर 2021
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<p>💐ऐ दोस्त💐</p> <p><br></p> <p>मेरे जीवन में बहुत खास हो तुम</p> <p>दोस्ती का खूबसूरत अहसास हो तु

7

क्षितिज के उस पार

22 नवम्बर 2021
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<p>क्षितिज के उस पार</p> <p><br></p> <p>क्षितिज के उस पार,कहीं दूर</p> <p>,बहुत दूर जब हम मिलेंगे</p

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सोचा न था

13 मार्च 2022
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जीवन में एक दिन अचानक तुम आ जाओगे, सोचा न था आँसुओं के खारे समन्दर को मीठी नदी में बदल जाओगे सोचा न था मन की उथलपुथल को मेरे बिना कुछ कहे समझ जाओगे सोचा न था बेनूर सी बीत रही जिंदगी ये मेरी उल

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19 अगस्त 2022
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वासुदेव श्रीकृष्ण मुरारी कीसुनाऊँ लीला गिरधारी कीअसुर कुल एक राजा हुए महानपाताल राज बलि था उनका नामजीते तीनों लोक बजादिया नाम का डंकाकष्टों से त्राहिमाम कर रही जनताप्रार्थना की सबने मिलकरविष्णु जी गए

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9 सितम्बर 2022
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ये रेल का सफर ,देखते ही कुछ पुरानी बात याद आ गयी। हैं तो सामान्य सी ही पर पता नहीं क्यों इतने सालों बाद भी, भूले नहीं । लोग कहते हैं कि सफर में अनजान लोगों से कुछ नहीं लेना चाहिए खाने पीने का सा

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