shabd-logo

अब तुम वक़्त बदल डालो

13 अक्टूबर 2021

27 बार देखा गया 27

क्यूं यू ही चुपचाप तुम हर जुल्म को सहते हो??

कहते हो खुद को सूरज तुम पर फिर भी अँधेरे में रहते हो....!!

छीनो हक़ को हक़ से तुम जो ये हक़ तुम्हारा है....

कहते हो खुद को नदिया तुम तो क्यूं भला नहीं बहते हो??

तुम पर्वत से भी ऊँचे हो तुम सागर से भी गहरे हो...

कहते हो खुद को वक़्त अगर तो क्यूं भला फिर ठहरे हो??

ये माना दूर है मंजिल अभी और कांटे भी है राहों में....

तपती धूप है सड़को पर और छाले भी है पाओं में....

तुम बादल हो तुम बिजली हो तुम बारिश की बूँदे हो...

खुद को दोषी मान कर फिर आंख भला क्यूं मूंदे हो??

तुममें तुम जो रहता है वो तुमसे ही कुछ कहता है...

के तुम भी तुम अब बन जाओ तुम भी तुम अब कहलाव....

ये माना धुंद है राहों पर और बेड़ियां भी है पाओं पर...

मरहम लिए है कोई नहीं सब नमक लिए हैं घाव पर....

अगर बिखर गए तो रेत हो तुम ...

अगर लहराए तो खेत हो तुम ...

अगर बुझ गए तो राख हो तुम...

और अगर दहक उठे तो आग हो तुम...

बहुत हो सोये अब जागो तुम...

आज कुछ ऐसा कर डालो...

अब तक बदला वक़्त ने तुम्हे....

अब तुम वक़्त बदल डालो...

संतोष शर्मा

गीता भदौरिया

गीता भदौरिया

बहुत खूब लिखा आपने

13 अक्टूबर 2021

Santosh Sharma

Santosh Sharma

14 अक्टूबर 2021

Thank you ji 🙏😊

1

A poem based on reality

30 सितम्बर 2021
4
5
2

<p>दोस्तों जीवन की सच्चाई पर आधारित मेरी एक और नई रचना आप सबके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ... जिसे पढ़

2

पिता

1 अक्टूबर 2021
3
4
4

<p>पिता को समर्पित मेरी एक नई रचना 🙏</p> <p>खुद को यूँ लुटा कर मुझे आबाद किया....</p> <p>अए पापा मे

3

वक़्त

2 अक्टूबर 2021
2
2
2

<p>जीवन की सच्चाई पर आधारित मेरी एक और रचना आप सबको कैसी लगी अपने कमैंट्स में जरूर बताइयेगा 🙏</p> <

4

क्या यही मोहब्बत है?

8 अक्टूबर 2021
2
3
0

<p>*क्या यही मुहब्बत है** </p> <p> </p> <p>आज कल थोड़ा बधहवाश् रहता हूँ मैं</p> <p>दूर होते

5

अब तुम वक़्त बदल डालो

13 अक्टूबर 2021
2
1
2

<p>क्यूं यू ही चुपचाप तुम हर जुल्म को सहते हो??</p> <p>कहते हो खुद को सूरज तुम पर फिर भी अँधेरे में

6

मैं कौन हूँ मैं क्या बतलाऊ

19 अक्टूबर 2021
0
1
0

<p>मैं कौन हूँ मैं क्या batlau</p> <p>बस इतना समझ लो </p> <p><br></p> <p>तुम्हारे इन अनजान सवाल

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए