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मैं कौन हूँ मैं क्या बतलाऊ

19 अक्टूबर 2021

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मैं कौन हूँ मैं क्या batlau

बस इतना समझ लो 


तुम्हारे इन अनजान सवालो का

उलझा हुआ जवाब हूँ मैं

तुम्हारे टूटे हुए दिल का 

एक टूटा हुआ ख्वाब हूँ मैं


मैं कौन हूँ मैं क्या batlau

बस इतना समझ लो


कि रात क् इस अँधेरे मे 

सुबह का आगज़् हूँ मैं


मैं हूँ रेत पर बने एक आकर कि तरह

मैं हूँ तुम्हारे दिल मे उमड़ एक विचार कि तरह


मैं कौन हूँ मैं क्या batlau

बस इतना समझ लो


मैं हूँ तुम्हारे एक इंतजार कि तरह


जिसे सदियों से पाना चाहा वो ख्वाब हूँ मैं

जिसे दुनिया से छुपाना चाहा वो जज़्बात हूँ मैं


मैं कौन हूँ मैं क्या batlau

बस इतना समझ लो


तुम्हारी इस छोटी सी दुनिया कि क़ायनात हूँ मैं


सपना जो तुमने देखा था कभी

उसके पूरे होने का अहेशाश् हूँ मैं

मरुस्थल इस भूमि पर पानी कि तलाश हूँ मैं


मैं कौन हूँ मैं क्या batlau

बस इतना समझ लो


तुम्हारी टूट चुकी इन उमीदो की

एक मीठी सी आस हूँ मैं


जिस मंजिल की तलाश मे हो तुम 

उसका एक् खूबसूरत सफर हूँ मैं

दिल मे जो तुम्हारे दर्द छुपा है

उसका एक मीठा सा असर हूँ मैं


मैं कौन हूँ मैं क्या batlau

बस इतना समझ लो


जिसे muddaton से जीना चाहा 

वो पहेर् हूँ मैं


रोक रखा था जिन्हें कबसे इन आँखों मे

वो आँशु कि एक बूँद हूँ मैं

तुम्हारी उलझी हुई इस दुनिया का एक हल्का सा सुकून हूँ मैं


मैं कौन हूँ मैं क्या batlau

बस इतना समझ लो


तुम्हारे दिल से बाहर निकलता एक जूनून हूँ मैं


तुम्हारे होठो पे खोई हुई वो मुस्कुराहट हूँ मैं

तुम्हारी आँखों मे बसी एक चाहत हूँ मैं

जो दुनिया ने ना देखा अब तक 

तुम्हारा छुपा हुआ वो रूप हूँ मैं

कोसिसे लाख कर के भी तुम बच पाओगी कैसे 

संग तुम्हारे चलता तुम्हारा हि स्वरूप् हूँ मैं


मैं हूँ तुम्हारी उस पहली मुलाकत कि तरह

जिसे अब तक ना कह पाई हो उस बात कि तरह


मैं कौन हूँ मैं क्या batlau

बस इतना समझ लो


जिसे किताबों मे छुपा दिया है कहीं तुमने

मैं हूँ तुम्हें मुहब्बत मे मिले उस गुलाब कि तरह


संतोष शर्मा

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मैं कौन हूँ मैं क्या बतलाऊ

19 अक्टूबर 2021
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<p>मैं कौन हूँ मैं क्या batlau</p> <p>बस इतना समझ लो </p> <p><br></p> <p>तुम्हारे इन अनजान सवाल

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