shabd-logo

क्या यही मोहब्बत है?

8 अक्टूबर 2021

39 बार देखा गया 39

*क्या यही मुहब्बत है** 

 

आज कल थोड़ा बधहवाश् रहता हूँ मैं

दूर होते हुए भी तुम्हारे पास रहता हूँ मैं


 *क्या यही मुहब्बत है* 


रातों को अक्सर जगता हूँ

खुली आँखों मे ख्वाब सञोता हूँ मैं


 *क्या यही मुहब्बत है* 


ना भूख का पता है ना प्यास कि खबर है

आजकल थोड़ा चुप चाप राहत हूँ


 *क्या यही मुहब्बत है* 


जाना कहीं होता है कहीं और चला जाता हूँ

चोरी चोरी चुपके चुपके तेरे पीछे आता हूँ


 *क्या यही मोहब्बत है* 


चोट अगर तुम्हें लगती है तो तकलीफ मुझे होती है

जब तुम हसती हो तो जैसे बिजली चमकती है 

तेरी एक नज़र से जैसे मेरा दिन बदलता है


 *क्या यही मोहब्वत है* 


यू ही बिना किसि बात के अकसर मुस्कुराता हूँ मैं

तुम्हारे खयालो मे अक्सर डूब जाता हूँ मैं

तस्वीर को तेरी देखकर घंटो बतलाता हूँ मैं


 *क्या यही मुहब्बत* 


जब तुम सामने होती हो तो धड़कने बढ़ने लगती है

तुमसे कुछ कहने को मेरी बातें तरसती है

पर फिर भी कुछ कहने से घबराता हूँ मैं


 *क्या यही मुहब्बत है* 


क्या है ये क्यूँँ है ये मुझे नहीं मालूम 

पर फिर भी मुझे ये यकीं है

के एक दिन तुम आओगी मेरे पास 

और मेरे गले से लिपट कर ये कहोगी के 


 *हाँ यही मुहब्बत है* 


 *सन्तोष शर्मा*

1

A poem based on reality

30 सितम्बर 2021
4
5
2

<p>दोस्तों जीवन की सच्चाई पर आधारित मेरी एक और नई रचना आप सबके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ... जिसे पढ़

2

पिता

1 अक्टूबर 2021
3
4
4

<p>पिता को समर्पित मेरी एक नई रचना 🙏</p> <p>खुद को यूँ लुटा कर मुझे आबाद किया....</p> <p>अए पापा मे

3

वक़्त

2 अक्टूबर 2021
2
2
2

<p>जीवन की सच्चाई पर आधारित मेरी एक और रचना आप सबको कैसी लगी अपने कमैंट्स में जरूर बताइयेगा 🙏</p> <

4

क्या यही मोहब्बत है?

8 अक्टूबर 2021
2
3
0

<p>*क्या यही मुहब्बत है** </p> <p> </p> <p>आज कल थोड़ा बधहवाश् रहता हूँ मैं</p> <p>दूर होते

5

अब तुम वक़्त बदल डालो

13 अक्टूबर 2021
2
1
2

<p>क्यूं यू ही चुपचाप तुम हर जुल्म को सहते हो??</p> <p>कहते हो खुद को सूरज तुम पर फिर भी अँधेरे में

6

मैं कौन हूँ मैं क्या बतलाऊ

19 अक्टूबर 2021
0
1
0

<p>मैं कौन हूँ मैं क्या batlau</p> <p>बस इतना समझ लो </p> <p><br></p> <p>तुम्हारे इन अनजान सवाल

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए