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सपनों से जुड़े वैज्ञानिक तथ्य

7 नवम्बर 2015

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जागती आंखों के सपनों में बारे में तो पुख्ता तौर पर स्पष्ट नहीं किया जा सकता लेकिन बंद आंखों से सपने तो हम सभी देखते हैं। अजीब-अजीब टाइप के सपने हमें अकसर परेशान करते हैं, इनमें से कुछ सपने ऐसे होते हैं जिन्हें हम अकसर देखना चाहते हैं तो कुछ ऐसे होते हैं जो नींद में भी डराकर चले जाते हैं। इसके बाद तो हम हर रात बस यही प्रार्थना करते हैं कि वो सपना अब दोबारा कभी ना सताए।

अच्छे-बुरे, भयानक या हैरतंगेज, सपने तो अलग-अलग टाइप के होते हैं लेकिन इनसे जुड़े कुछ खास तथ्य ऐसे भी हैं जिनसे ज्यादातर लोग आज तक परिचित नहीं हैं। ज्योतिष के अनुसार भिन्न-भिन्न स्वप्न भिन्न-भिन्न अर्थ रखते हैं लेकिन हम यहां आपको सपनों से जुड़े कुछ कॉमन फैक्ट्स बताने जा रहे हैं जो पूर्णत: वैज्ञानिक हैं।

आपने कई बार बच्चों को नींद में हंसते या रोते देखा होगा। इसके पीछे ये कहा जाता है कि बच्चे ने कोई बुरा सपना देख लिया होगा, जबकि ये सच नहीं है। जब तक बच्चा 3-4 वर्ष की उम्र पार ना कर ले वह कोई सपना नहीं देखता। नींद में बच्चे की संवेदनाएं और इमोशंस ज्यादा तेजी से बढ़ते हैं इसलिए वे बिना किसी बात के हंसता या रोता है।

खर्राटे भरने के दौरान यह पूरी तरह असंभव है कि व्यक्ति स्वप्न भी देख रहा हो। सपना देखने के लिए गहरी नींद की जरूरत होती है लेकिन खर्राटे भरने वाले व्यक्ति को कभी गहरी नींद नसीब नहीं होती।

एक औसत व्यक्ति अपनी उम्र के 6 साल सिर्फ सपने देखने में ही बिता देता है।

पर्सनैलिटी डिसऑर्डर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति एक समय पर एक तो दूसरे समय पर किसी अन्य व्यक्ति की तरह व्यवहार करने लगता है। उसके एक शरीर के भीतर अलग-अलग व्यक्तित्व के इंसान पनपने लगते हैं। जो भी व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित होता है वह आजीवन कभी कोई स्वप्न नहीं देख सकता।

आपने गहरी नींद में जो भी सपना देखा हो, वह चाहे कितना ही मूल्यवान हो या फिर उसे याद रखना आपके लिए कितना ही जरूरी क्यों ना हो, परंतु जैसे ही आप नींद से जागते हैं, महज एक मिनट के भीतर ही आप उस जरूरी सपने का 90% हिस्सा भूल जाते हैं।

आप अपने सपने में कभी किसी अनजाने चेहरे को नहीं देख सकते। आप जिन लोगों से अब तक मिल चुके हैं या जो लोग आपकी नजर से होकर गुजर चुके हैं, आपके सपने में भी वही लोग आते हैं। कोई अजनबी आपकी सपनों की दुनिया में कदम नहीं रख सकता।

कभी-कभार ऐसा भी होता है कि व्यक्ति नींद में अपने आने वाले समय को देख लेता है। वह नींद में ही यह जान लेता है कि भविष्य में उसके साथ कौन सी घटना घटने वाली है। परंतु इस परिस्थिति से सामना होना अत्याधिक दुर्लभ है।

असल जीवन में आप चाहे कितने ही पढ़ाकू क्यों ना हो, अपना पूरा दिन किताबों के बीच ही क्यों ना बिताते हों लेकिन अपने सपने में ना तो आप किताब पढ़ सकते हैं और ना ही समय देख सकते हैं।

एक ही रात में आप 7 अलग-अलग सपने देख सकते हैं। क्या फायदा, सुबह उठते ही आप सब भूल जाएंगे।

जागने की अपेक्षा इंसान का दिमाग नींद की अवस्था में ज्यादा सचेत और सक्रिय रहता है। जानवर भी इंसानों की तरह ही सपने देखते हैं इसलिए ये तथ्य उन पर भी लागू होता है।

जो लोग जन्म से ही दृष्टिहीन होते हैं वे भी सपनों का आनंद उठा सकते हैं।

सर्वप्रथम मिस्र के लोगों ने 4000 ईसापूर्व, सपनों का रहस्य खोलती किताब की रचना की थी।

वैसे सपने देखना तो हम सभी को पसंद है और जो चीज पसंद होती है उसके बारे में जानकारी भी रखनी चाहिए। तो लीजिए हमने आपके ज्ञानकोष को थोड़ा और बढ़ा दिया। 


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रचनाएँ
indianauthor
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भारतवर्ष-हिन्दुस्तान-इंडिया
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