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आतंकी हिंसा

20 नवम्बर 2015

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श्रीमद भगवत गीता :- जो मनुष्य मांस का सेवन करता है वह मनुष्य आसुरी/राक्षस समुदाय से सम्बन्ध रखता, उस मनुष्य के ह्रदय में किसी भी जीव के प्रति दया-भाव ना के बराबर होती है, वह मनुष्य हिंसक प्रवर्ति का बन जाता है और वह किसी भी जीव के प्रति हिंसात्मक रवैया अपनाने में नहीं झिजकता. आतंकवाद जैसा शैतान आज पूरी दुनिया में अपने पैर जमाता जा रहा है, जो मनुष्य इस शैतानवाद में विश्वास करता है और परदे के पीछे से इन लोगो का समर्थन करता है वह मनुष्य भी मांस का ही सेवन करता है. यही एक मुख्य कारण है कि ऐसे लोगो में दया नाम की कोई चीज नहीं होती और वह हिंसा करने में उतारू हो जाता है. इन लोगो को हिंसा करने वालें पशुओं की सूची में रखा जाये तो गलत नहीं होगा.


सतीश शर्मा

दिल्ली


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रचनाएँ
indianauthor
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भारतवर्ष-हिन्दुस्तान-इंडिया
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मेरे घर आई एक नन्ही परी

4 नवम्बर 2015
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क्या कहूं और कहां से शुरुआत करूँ कुछ समझ में नहीं आ रहा है। जब कभी इस विषय में कहीं कुछ पढ़ता हूँ या सुनता हूँ कि बेटी पैदा होने पर उसे गला घोंट के मार दिया गया, या किसी नदी, तालाब या कूएँ में फेंक दिया गया या फिर गर्भस्थ शिशु का लिंग परीक्षण करवाये जाने पर बेटी है का पता लगते ही उसे भूर्ण हत्या का

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अमर पुरुष बन गया है भ्रष्टाचार

4 नवम्बर 2015
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भ्रष्टाचार एक ऐसा मुद्दा रहा है जिसने भारत् के हर निवासी को ‘एक’ कर दिया है। हालांकि, भ्रष्टाचार के लिए कौन जिम्मेदार है, यह एक बह्स का मुद्दा बना हुआ हैं इसके लिए अक्सर हम और हमारी जनता के द्वारा  राजनेताओं और नौकरशाहों पर उंगली उठना बहुत आसान है। लेकिन क्या घूस देकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले

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मृत-शरीर : अंतिम संस्कार

4 नवम्बर 2015
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वैदिक शास्त्रो अनुसार, सनातन-धर्म में १६ संस्कारों का अत्यंत महत्व है ये अभी मनुष्य के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते है.  अंतिम संस्कार १६ संस्कारों में आखरी संस्कार होता है. इस संस्कार का पालन वेदों और शाश्त्रों में वर्णित नियमों के अनुसार जीव की मृत्यु उपरान्त किया जाता है ताकि जीव-आत्मा को इस भौ

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एक प्रश्न :-

5 नवम्बर 2015
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एक प्रश्न :- इस धरती पर उस प्राचीन धार्मिक पुस्तक ( ग्रन्थ ) का नाम बताइये जो इस संसार में एक ही ' ईश्वर ' होने का दावा करती है ? विकल्प:- १. पवित्र कुरान, २. पवित्र भगवत गीता, ३. पवित्र बाइबिल, ४. इनमे से कोई नहीं अपनी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल करके सही उत्तर अवश्य दे. 

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ईश्वर : ब्रह्म : परमेश्वर : परमात्मा : विधाता : भगवान : अल्लाह : ख़ुदा : गॉड

6 नवम्बर 2015
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ब्रह्म हिन्दू धर्मग्रन्थ उपनिषदों के अनुसार ब्रह्म ही परम तत्त्व है (इसे त्रिमूर्ति के देवता ब्रह्मा से भ्रमित न करें)। वो ही जगत का सार है, जगत की आत्मा है। वो विश्व का आधार है। उसी से विश्व की उत्पत्ति होती है और विश्व नष्ट होने पर उसी में विलीन हो जाता है। ब्रह्म एक और सिर्फ़ एक ही है। वो विश्वात

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क्या है स्वाइन फ्लू ?

6 नवम्बर 2015
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स्वाइन फ्लू एक बार फिर देश में पांव पसार रहा है। फ्लू से डरने के बजाय जरूरत इसके लक्षणों के बारे में जानने और सावधानी बरतने की है। आइए जानें स्वाइन फ्लू से सेफ्टी के तमाम पहलुओं के बारे में :क्या है स्वाइन फ्लूस्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जो ए टाइप के इनफ्लुएंजा वायरस से होती है। यह व

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शैतानी जीव, रहस्यमय प्राणियों का अनसुलझा सच

7 नवम्बर 2015
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जब भी रहस्यमय प्राणियों का जिक्र होता है तो हमारी सोच सिर्फ और सिर्फ एलियन्स पर आकर रुक जाती है। लेकिन आपको यह भी जान लेना चाहिए कि एलियन्स का पृथ्वी पर आना-जाना एक सच हो सकता है लेकिन उसके साथ ही एक बड़ा सच यह भी है कि यहां कुछ ऐसे रहस्यमयी जीवों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है, जिन्हें आप एलियन क

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सपनों से जुड़े वैज्ञानिक तथ्य

7 नवम्बर 2015
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जागती आंखों के सपनों में बारे में तो पुख्ता तौर पर स्पष्ट नहीं किया जा सकता लेकिन बंद आंखों से सपने तो हम सभी देखते हैं। अजीब-अजीब टाइप के सपने हमें अकसर परेशान करते हैं, इनमें से कुछ सपने ऐसे होते हैं जिन्हें हम अकसर देखना चाहते हैं तो कुछ ऐसे होते हैं जो नींद में भी डराकर चले जाते हैं। इसके बाद तो

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ईश्वर एक : नाम अनेक

9 नवम्बर 2015
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संस्कृत या हिंदी वर्णमाला का पहला अक्षर ' अ ' से शुरू होता है.अर्थार्थ, ' अ ' अक्षर के बिना हिंदी वर्णमाला का कोई अर्थ नहीं रह जाता. भगवद्गीतापुष्टि करती है कि विधाता के मुख से निकला पहला अक्षर भी ' अ ' ही था. जिससे इस सृष्टिका सुभारम्भ होता है.  ओ३म्/ओंकार (यह ईश्वर का वाचक है) शब्द जो परमेश्वर, एक

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आतंकी हिंसा

20 नवम्बर 2015
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श्रीमदभगवत गीता :- जो मनुष्य मांस का सेवन करता है वह मनुष्य आसुरी/राक्षस समुदाय से सम्बन्ध रखता, उस मनुष्य के ह्रदय में किसी भी जीव के प्रति दया-भाव ना के बराबर होती है, वह मनुष्य हिंसक प्रवर्ति का बन जाता है और वह किसी भी जीव के प्रति हिंसात्मक रवैया अपनाने में नहीं झिजकता. आतंकवाद जैसा शैतान आज पू

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