राखी पर्व
फूलों सी ख़ुश्बू पत्तों सी, रंगत भर लाई सावन राखी ले बहिना ,भैया के घर आई बिखर गया आलोक ,अँधेरा गम का दूर भगा बरसों पुराना घरभी सबको,फिर से नया लगा नेह के दो धागों में स्वर्ग का वैभव हर लाईसावन राखी ले बहिना ,भैया के घर आई सावन राखी ले बहिना भैया के घर आई बचपन आया आज बारातें लेकर यादों की वो