चाह में चाहत फीकी पड़ने लग गई,
दिल में नजदीकियां खलने लग लगी!
कभी विश्वास में कटती थी ऐ जिन्दगी,
अब विश्वास की दीवार ढहने लग गई!!
✍ शैलेन्द्र गौड़ 🙏🙏
26 नवम्बर 2021
चाह में चाहत फीकी पड़ने लग गई,
दिल में नजदीकियां खलने लग लगी!
कभी विश्वास में कटती थी ऐ जिन्दगी,
अब विश्वास की दीवार ढहने लग गई!!
✍ शैलेन्द्र गौड़ 🙏🙏