‘शहनाई’ का जादू आज भी बरकरार है और समान्यतः हरशुभ अवसर पर उसको बजाया जाता है । 21 मार्च के दिन, उस्तादबिस्मिल्लाह खान को उनके 102वें जन्मदिन पर गूगल ने ‘डूडल’ बनाकर यादकिया गया ।सर्च इंजन गूगल ने डूडल
शहनाई उनके कंठ से लगकर नाद ब्रम्ह से एकाकार होती थी और विश्राम के भीतर मिलन के स्वर गंगा की लहरों से मिलते हुए अनंत सागर की ओर निकल पड़ते....उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का जन्म बिहार के डुमरांव में 21 मार्च 1916 को एक मुस्लिम परिवार में पैगम्बर खां और मिट्ठन बाई के यहां हुआ था। उनके दादा रसूल बख्श ने