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सिन्धू ताई भाग 3

5 अप्रैल 2022

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10 वर्षीय बालिका ने पिता के समान उम्र वाले पुरुष के साथ दांपत्य जीवन की शुरुआत कीl
ग्रामीण परिवेश जहां दिन की शुरुआत घर को गोबर से  लीपने से होती, और  रात पशुओं को चारा डालने और दूध  दुहने से होतीl
लिखना पढ़ना भूल कर  सिंधु दिन भर घर के कामों में लगी रहती और पेट भरने के लिए मजदूरी करने भी निकल जातीI
धीरे-धीरे  सिंधु 20 बरस की हो गई इसी दरमियान उसने दो बच्चों को भी जन्म दिया और उनका पालन पोषण करने लगी l
1 दिन गांव की महिलाओं के साथ वह गांव के मुखिया के खेत में भी काम करने के लिए गईI
गांव का मुखिया बहुत ही निर्दई किस्म का इंसान था वह मजदूरों से बेगारी लेता थाI और मजदूरों के पैसे  देने में हमेशा ही आनाकानी करता रहताl
आए दिन सिंधु के भी पैसे मुखिया हड़प कर जाता l पैसे मांगने पर उन्हें धमका कर भगा देता
  सिंधु तेजतर्रार व्यक्तित्व की महिला   थी उसे मुखिया की हरकतें नागावार गुजरा करतीl
एक दिन मौका पाकर की सिंधु गांव की मजदूर महिलाओं के साथ, जिला अधिकारी से मिली वहां पर उन्होंने जिलाधिकारी से मुखिया की सारी कारस्तानी बयां कर दीl
जिसके कारण जिलाधिकारी ने मुखिया को चार बातें सुनाई और मजदूरों को पैसा देने के लिए कहाI
मुखिया ने बहुत अपमानजनक महसूस किया और वह सिंधु से बदला लेने  का प्रयास करने लगाl
उसे कोई रास्ता दिखाई ना दे रहा था तभी उसे अचानक एक दिन रास्ते में सिंधु का पति श्री हरि जाता हुआ दिखाई दियाI उसे देखकर मुखिया ने सिंधु से बदला लेने की योजना बना ली, और श्रीहरि को अपने पास बुलायाl
  "श्री हरि.......  श्री हरि इधर तो  आ जरा" मुखिया ने कहा
" जी मालिक"
"तू तो सवेरे से गाय बकरियां लेकर जंगल की ओर चला जाता है, कभी अपने घर की भी खोज खबर कर लिया कर"
"क्या हुआ मालिक"
" सुना है तेरी पत्नी पेट से है"
" जी मालिक नौवां महीना चल रहा है"
" बड़ा खुश हो रहा है यह  बता कर, कभी यह भी  जानने की कोशिश की यह बच्चा किसका है"
" कैसी बातें कर रहे हो मालिक"
"तू क्या जाने तेरे पीछे तेरी जोरू सारा दिन पूरे गांव घूमती रहती है,  ना जाने किस का पाप पेट में लिए घूम रही है"
"मेरी बात पर यकीन ना हो तो जाके अपनी पत्नी से ही पूछ ले"
श्री हरि सारे रास्ते उधेड़बुन मे  रहा कि घर जाकर के   सिंधु से क्या बातें करेगा कैसे पूछेगा  मुखिया की बातों पर यकीन हो चला था  उसे l मुखिया ने उसके दिमाग में शक का जहर भर दिया थाl क्रोध से आगबबूला हो रहा था और सिंधु  के लिए नफरत  आंखों में तैरने लगी थी l बड़े ही आवेश  से वह घर में दाखिल हुआ l


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रचनाएँ
सिंधू ताई
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सिंधुताई के विषय में आप सभी लोग जानते होंगे इस सदी की महानतम महिलाओं में से एक थी । उनके जीवन की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं को मैंने अपने शब्द देने का प्रयत्न किया है आशा है आप सभी को यह पुस्तक पसंद आएगी।
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सिन्धू ताई भाग 7

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सिन्धू ताई भाग 8

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