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सिन्धू ताई भाग 7

9 अप्रैल 2022

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सिंधु ताई जब रेलवे स्टेशन पर लोगों से खाना मांगती उसी दौरान वहां पर उसे कई बच्चे भोजन के लिए संघर्ष करते दिखाई दे जाते lकभी-कभी कुछ को भोजन नसीब होता तो कभी-कभी वह सभी पानी पी के सो जाते lसिंधु ताई रेल के डिब्बे में चढ़ जाती और उसमें सवार यात्रियों से भोजन मांगा करती  उसे जो भोजन मिलता उसे ला करके अनाथ बच्चों को बांट कर के खिला देती जिसके पास स्वयं कुछ खाने को न था वह दूसरों को खिलाते खिलाते उन सभी की मां बन गई और उनके देखरेख की जिम्मेवारी अपने ऊपर ले ली सिंधु उन बच्चों को अपने साथ रात में शमशान में ही रखने लगी इसी प्रकार उसका परिवार बढ़ता चला गया और वह कई बच्चों की मां हो गई सिंधु को बचपन से ही लिखने पढ़ने का बहुत शौक था वह अक्सर कुछ कविताएं लिखा करती थी परंतु पति के डर से वह उन कागजों को खा जाया करती
उसे भजन गाना भी बहुत अच्छा लगता था अतः वह रेलवे के डिब्बे में चढ़ जाती और वहां भजन गा गा कर लोगों से खाने को मांगती बीच-बीच में सिंधु अक्सर कविताएं भी कह दिया करती थी जो लोगों को बहुत अच्छा  लगता इससे खुशी-खुशी लोग सिंधु को कुछ पैसे भी दे दिया करते
सिंधु की गीतो में  दर्द था उसकी आवाज मे वजन था  साथ ही इसके अंदर अद्भुत आत्मविश्वास और जीने की जिजीविषा थी उसे इस निष्ठुर दुनिया में जीना था खुद के लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए इसलिए बना क्योंकि मां बनती चली गई


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रचनाएँ
सिंधू ताई
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सिंधुताई के विषय में आप सभी लोग जानते होंगे इस सदी की महानतम महिलाओं में से एक थी । उनके जीवन की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं को मैंने अपने शब्द देने का प्रयत्न किया है आशा है आप सभी को यह पुस्तक पसंद आएगी।
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7 अप्रैल 2022
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8 अप्रैल 2022
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9 अप्रैल 2022
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सिंधु ताई जब रेलवे स्टेशन पर लोगों से खाना मांगती उसी दौरान वहां पर उसे कई बच्चे भोजन के लिए संघर्ष करते दिखाई दे जाते lकभी-कभी कुछ को भोजन नसीब होता तो कभी-कभी वह सभी पानी पी के सो जाते lसिंधु ताई रे

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10 अप्रैल 2022
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सिंधू ममता की प्रतिमूर्ति थीं, उन्हें रास्ते में जो कोई भी गरीब ,अनाथ, असहाय बच्चा मिलता उसने वह उठा लेती, और स्वयं भीख मांग कर लातीऔर उनको खिलाती , उनके पास पहनने के लिए कपड़े भी नह

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सिन्धू ताई भाग 9

10 अप्रैल 2022
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"मी सिंधुताई सपकाल" इतना सुनते ही मराठी भारतीयों के उद्घोष से सारा हाल गूंज उठा । "जय महाराष्ट्र" इस उद्घोष ने सिंधुताई के मनोबल को बढ़ा दिया और उन्होंने अपना भाषण देना शुरू किया। " दूध में पकाएं चावल

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