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smritiya

aradhana

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बीता लम्हा था क्यों याद करे किससे जीने कि फरियाद करें गम मिला जिन्हें उम्र भर मिला घर उनका खुशियों से शाद करें दर्द ए दिल का आज मातम करेंकल नए सपनों को हम साद करेंउठे हो हाथ दुआ के लिए गर तिरे 

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