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स्नेह

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बरस बीते, बीते अनगिनत पल कितने ही तेरे संग, सदियाँ बीती, मौसम बदले........ अनदेखा सा कुछ अनवरत पाया है तुमसे, हाँ ! ... हाँ! वो स्नेह ही है..... बदला नही वो आज भी, बस बदला है स्नेह का रंग। कभी चेहरे की शिकन से झलकता, कभी नैनों की कोर से छलकता, कभी मन की तड़प और सं

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