सोच हमसे क्या - क्या कराती है।
कभी हसाती है, तो कभी रुलाती है।।
सोच बड़ी - बड़ी परेशानियों से लड़ना सिखाती है।
तो यही.. सोच छोटी-छोटी परेशानियों को बहुत बड़ा बनाती है।।
सोच अच्छे - अच्छे रिश्तों को सोच से बिगाड़ती है।
तो यही सोच बुरे से बुरे रिश्तों को फिर से एक डोर में बांधती है।।
सोच लोगो को अहंकार में रहना सिखाती है।
तो यही सोच लोगो को विनम्रता से सबको अपना बनाती है।।
सोच अमीर को गरीब बनाती है।
तो यही सोच गरीब को अमीर बनाती है।।
सोच दोस्ती का असली मतलब बताती हैं।
तो यही सोच अच्छे अच्छे दोस्तों को झटके में अलग कराती है।।
सोच इंसान की असली नियत बताती है।
तो यही सोच बिना नियत के इंसान को बताती है।।
सोच ज्ञान का असली बोध कराती है।
तो यही सोच ज्ञान को विज्ञान में बदलना सिखाती है।।
सोच दुनिया में सैर करना सिखाती है।
तो यही सोच कुएं का मेंढक बनकर एक जगह रहना सिखाती है।।
सोच हमें सेवा भाव सिखाती है।
तो यही सोच स्वार्थी बनकर अपना रहना सिखाती है।।
सोच इंसान को गंभीर बनकर लोगो से अलग रहना सिखाती है ।
तो यही सोच में चंचलता से भरकर बचपना करना सिखाती है।।
सोच ही सुख में दुख कि जिंदगी जीना सिखाती है।
तो यही सोच दुख में सुख की जिंदगी जीना सिखाती हैं।।
""ये सबकी अपनी अपनी सोच है, कुछ भी कराती है।""
🌟शुभम् 🌟