सफेद दाढ़ी, सिर पर पगड़ी जैसा गमछा, सफेद कुर्ता, चेहरे पर भोले-भाले एक्सप्रेशन. बस ऐसा ही गेटअप लेकर 30 साल का जयेश पटेल अमेरिका जाने के लिए निकल पड़ा. लेकिन पकड़ा गया. कहां? दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर. सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) के जवानों ने उसे पकड़ लिया.
चकरा गए. चलिए आसान भाषा में समझाते हैं. एक आदमी, जिसका नाम जयेश पटेल है. वो 30 साल का है. लेकिन अमेरिका जाने के लिए उसने 80 साल के बुजुर्ग आदमी का गेटअप लिया. फेक पासपोर्ट बनवाया. अपना नाम अमरीक सिंह रखा. और एयरपोर्ट पहुंच गया. वहां CISF के जवानों को दाल में कुछ काला लगा. ‘बुजुर्ग आदमी’ की स्कीन और बर्ताव जवानों को थोड़ा अटपटा लगा.
8 सितंबर की शाम को CISF ने एक प्रेस रिलीज़ जारी करके इस बात की जानकारी दी. बताया कि जयेश ने एयरपोर्ट पर चेकिंग करवाने से मना कर दिया. कहा कि वो बहुत बुजुर्ग है, इसलिए वो ज़्यादा देर तक खड़ा नहीं हो सकता. सब इंस्पेक्टर राजवीर सिंह ने नोटिस किया कि वो ‘बुजुर्ग आदमी’ आई कॉन्टैक्ट नहीं कर रहा है. फिर पासपोर्ट की चेकिंग की गई. जिसमें लिखा था कि आदमी का नाम अमरीक सिंह है और उसका जन्म फरवरी, 1938 को हुआ था.
उसके बाद पासपोर्ट पर लगी फोटो से अमरीक का चेहरा मिलाया गया. फोटो और सामने खड़े आदमी के चेहरे के रंग पर अंतर दिखा. सामने खड़ा आदमी ज़्यादा यंग दिख रहा था. थोड़ा शक बढ़ा. इसलिए CISF के जवानों ने अमरीक से पूछताछ की. थोड़ा और ध्यान से ऑब्जर्व करने के बाद ये नोटिस किया गया कि ‘बुजुर्ग आदमी’ ने अपने बालों और दाढ़ी को सफेद रंग से रंगा है. और जो चश्मा उसने पहना था वो ज़ीरो पावर का था. उससे और कड़ी पूछताछ हुई, तब कहीं जाकर उस आदमी ने अपनी असली पहचान बताई. उसने बताया कि वो गुजरात के अहमदाबाद का रहने वाला है और उसका असली नाम जयेश पटेल है.
जयेश को इमिग्रेशन अधिकारियों के हवाले कर दिया गया है. वो आगे की जांच कर रहे हैं. इस बात की जांच भी की जा रही है, कि जयेश अपनी पहचान बदलकर अमेरिका क्यों जा रहा था.