निशा उदास मन से पापा और छोटे भाई की तस्वीर को निहार रही थी | काश वो बुरा दिन हमारे जीवन मे कभी नहीं आता, जिसने हमसे हमारी खुशियाँ छीन ली थी |आज दोनों की कमी को महसूस कर रही थी | पापा का हाथ जब कंधे पर होता है तो इस दुनिया से लड़ना भी आसान लगता है, भाई का वो हाथ जो मुझे ऊंचाई तक पहुंचने की शक्ति देता था | भगवान की ओर देखकर बहुत खुश होंगे आप, मुझसे सब कुछ छीनकर |
वास्तव मे समय बहुत बलवान है, एक समय था जब हमारा परिवार कितना खुशनुमा था | अब मै और मम्मी इतने बड़े घर मे सुनापन सा ही महसूस करते है | अब पहले जैसे त्यौहार मे वो रौनक नहीं है | अब निशा दूसरे की ख़ुशी मे ही अपनी ख़ुशी ढूंढने लग गयी थी | इससे जीवन के कुछ खालीपन मे ख़ुशी अपनी जगह ले लिया करती | बस दुसरो की सहायता करना और अपने समाज की लड़कियों को आगे बढ़ने का हौसला देना |
आज निशा बहुत खुश थी, घर मे हंसी ख़ुशी का माहौल क्योंकि गांव की सभी लड़किया घर पर ही इकट्ठा हुआ करती | हर शनिवार को घर मे सुन्दरकाण्ड का पाठ किया करते | श्रीराम भगवान की सीता जी के साथ वो फोटो, जिसमे उनके भक्त लक्ष्मण जी और हनुमान जी भी साथ होते है | ये दृश्य कितना सुन्दर सा है, मम्मी फूलो की माला से सजाते हुए, इस तस्वीर को बहुत ही प्यार से निहार रही थी | धुपबत्ती और अगरबत्ती ने अपनी सौंधी सी खुशबु से घर का माहौल इतना पवित्र कर दिया हो, मानो मंदिर जैसी ही अनुभूति हो रही हो | 24 लड़किया बराबर 2 ग्रुप मे 12-12 विभाजित होकर बैठ गए, सामने हारमोनियम, लाउडस्पीकर, ढोलक, मंजिरे सब कुछ रखा हुआ है |
बस सब निशा दीदी के इंतज़ार मे बैठे थे, दीदी आ जाये फिर सुन्दरकाण्ड का पाठ शुरु कर देंगे | निशा पीली सलवार सूट पहने, माथे पर कुमकुम लगा हुआ, बालो मे सफ़ेद रंग का गजरा और पायल की छन छन की मधुरमय आवाज़ वातावरण की हवाओ के साथ ही गूंज रही है | मम्मी मन ही मन भगवान से दुआ कर रही थी कि मेरी बच्ची को किसी की नज़र ना लगे | निशा ने विधि विधान से पूजा की फिर सुन्दरकाण्ड पाठ का शुभारम्भ हुआ |
दोनों ही ग्रुप अपनी अपनी पंक्ति को लयमय गा रहे है, वही बीच बीच मे भजन की भी सुन्दर प्रस्तुति हो रही थी | भक्तिमय माहौल से घर की खूबसूरती और बढ़ गयी थी, दिवार पर जो झूमर लगे है, लाइट की वजह से ऐसे चमक रहे है, मानो कोई हीरे सा ही चमचामाता हो | सुन्दरकाण्ड पाठ होने के बाद सबको प्रसाद वितरण किया गया |
निशा इन सभी लड़कियों को एक साथ देखकर बहुत खुश थी, सच भी है अकेले रहने से अच्छा तो वो बंद मुट्ठी है, जिसमे सब एक दूसरे के साथ खड़े रहते है | अपने गांव की सब लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है, जिससे उनमे इस दुनिया से अकेले संघर्ष करने की हिम्मत आ सके |
निशा अपनी 40 वर्ष की उम्र मे भी अंतर्मन से बहुत मजबूत थी, घर पर मम्मी अकेली थी, इसी वजह से शादी नहीं की थी | घर की जिम्मेदारी इतनी थी कि कभी अपनी ख़ुशी के बारे मे निशा सोच ही नहीं पायी | गांव मे सब लोग अलग अलग तरीके से बाते किया करते, बिना शादी के घर पर बैठी है | समाज का हर व्यक्ति निशा के खिलाफ था, फिर भी लोगो की बातो को नज़रअंदाज़ करते हुए अपने निर्णय पर अडिग रही |
वास्तव मे समाज मे कितने नियम है, कोई भी उसके खिलाफ हो तो सब लोग ताने देकर उसकी ज़िन्दगी को मुश्किल बना जाते है | निशा ने जीवन मे लड़ना सीख लिया था, चाहे वह अपने आप से हो या समाज से हो | जिन्होंने मुझे जन्म दिया है, वो मम्मी की आज जब नज़रे धुंधली हो गयी है और हाथ कपकपाते हो तो उनका हाथ मै आज कैसे छोड़ सकती हूँ, भले ही समाज मुझे कितने भी ताने दे, वो सब कुछ मै सह लुंगी |
वो हाथ जिसने कभी बचपन मे मुझे चलने मे सहारा दिया था, आज कुछ मेरे कर्तव्य है जो मुझे निभाना है | मम्मी जब भी निशा को यु अकेले देखा करती तो आँखे नम हो जाया करती | ना जाने वो दिन कहाँ चले गए, जब हमारे परिवार मे सब एक साथ कितने खुश थे, काश वो दिन फिर लौट आते तो कितना अच्छा रहता | इस बुढ़ापे मे वो यादे ही तो मन को जीवन जीने का हौसला दिया करती है |ये सोचते हुए अपनी पुरानी यादो मे खो गयी |
मिट्टी की सौंधी खुशबु जो भोर के समय आकाश की ललिमा से स्वागत रूप मे सूर्यदेव का आगमन होता है। अक्सर ओस की बूंद मिट्टी की सहजता और सरल स्वभाव से मिलकर सौंधी खुशबू का निर्माण करती है। यही मनोरम दृश्य है, जो इक अद्भुत सुंदरता है।
जिंदगी केवल एक दरमिया सा है, जो अनुभव की परकाष्टो से घेरा हुआ है। तितली अपने पंखो से मनरूपी भावनात्मक की तरह ही आसमान की उचाई मे नई उड़ान के लिये अग्रसर करती है।अक्सर बच्चों की नटखट सी अदाएं, जो मन को प्रफुल्लित सा कर देता है| वाणी में थोड़ा सा तुतलानापन भी काफी अच्छा लगता है| एक छोटा सा बच्चा जो मंद मंद चलती हवाओं में आकाश के बादलों से घेरा हुआ लाली रुपी सूर्योदय को प्रत्यक्ष रूप में अपनी आंखें बंद कर अंतर्मन मे महसूस कर रहा है | वही उनकी चमकती आभा की पहली किरण को कुछ सेकंड तक देखने का प्रयत्न करता है|