किताब के बारे मे इस कहानी के मुख्य पात्र निर्भय, ईशान, श्रद्धा, संजीत,भार्गवी और संकल्प है | निर्भय का कार मे एक्सीडेंट होने की वजह से हॉस्पिटल मे जान तो बच जाती है मगर दोनों हाथो की हथेलियों को खो देता है , समाज के कुछ लोग उसकी तरफ देखकर कहते है कि ये क्या पढ़ाई करेगा और नौकरी करेगा, इस कहानी मे निर्भय के संघर्ष व सफलता की दास्तान है | ईशान विदेश मे नौकरी के दौरान खाने व कंपनी के कुछ नियम जो गलत होते है, उनका विद्रोह करता है, इसके बाद काफ़ी हद तक सुधार होने लगता है मगर कंपनी द्वारा ईशान को निकाल दिया जाता है | संजीत अपने कुछ दोस्तों के साथ नशे व बुरी आदतों मे शामिल हो जाता है, जिसकी वजह से उसे जेल मे भी जाना पड़ता है | तब पापा के गुस्सा होने पर 2 वर्ष के बाद उसके स्वभाव मे परिवर्तन आता है फिर शादी के बाद रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी मे जॉब करते हुये ईमानदारी के साथ परिवार की सभी जिम्मेदारी निभाता है | भार्गवी परिवार के प्रति बहुत ही गंभीर और जिम्मेदार महिला थी मगर कुछ राक्षस चरित्र वाले लोगो ने उसका निर्दयता से बलात्कार किया, जिसके बाद वो समाज के लोगो की सोच से लड़ते हुये जीवन मे संघर्ष करती है | श्रद्धा जो बहुत ही संस्कारी लड़की है, बचपन मे मम्मी की मौत के बाद पापा ने दूसरी शादी कर ली थी फिर गैरजिम्मेदार होकर श्रद्धा की 20 वर्ष की उम्र मे ही शादी करवा देते है जबकि वो अभी शादी ना करके आगे की पढ़ाई करना चाहती थी |इसके बाद वह पारिवारिक यातनाओ से परेशान होकर विद्रोह करती है | संकल्प कॉलेज मे लड़की से प्यार करता है फिर घरवालों की नामंजूरी होने पर परिवार से विद्रोह करके लव मैरिज करता है | यह कहानी सामाजिक व पारिवारिक पहलू पर आधारित है, जिसमे समाज की कुरुतियों और गलत सोच के प्रति सभी पात्र मिलकर अपनी-अपनी सामर्थ्य के अनुरूप विद्रोह करते है |