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विजय

संजय पाटील

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किताब के बारे में इस कहानी के मुख्य पात्र है, विजय और प्रमिला | विजय बचपन से ही गाँव में बहुत शरारती और मस्ती किया करता था | यहाँ तक कि गाँव के बड़े-बुजुर्ग भी उसे बिगड़ा हुआ लड़का ही समझते थे | गाँव में कोई भी लड़का कुछ गलती किया करता था तो बस उदाहरण के रूप में विजय का ही नाम लिया जाता था कि तुमको भी विजय जैसे ही बनना है क्या? विजय की इन हरकतों को देखकर गाँव के बुजुर्ग लोगो ने उसके मम्मी-पापा को समझाया कि इसकी शादी करवा दो, तो शायद तब जाकर यह सुधर जायेगा | विजय अपने मामा के साथ ट्रक से फल, अनाज वगैरह लेकर बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, जम्मू -कश्मीर, असम, सिक्किम, मेघालय इत्यादि जगहों पर मटेरियल सप्लाई के लिये जाया करता था | जब पापा विजय के लिये रिश्ता देखने के लिये गये तो विजय शादी ना हो जाये इस डर की वजह से संबलपुर, उड़ीसा राज्य में भागकर गया और क्रशर में हेल्पर में काम करने लगा | विजय के गाँव से चले जाने की वजह से गाँव के बड़े बुजुर्ग लोग बहुत खुश हो जाते है कि अब हमारे बच्चे बिगड़ने से बच जायेंगे | इन्ही दिनों मोबाइल में बातचीत के दौरान विजय की प्रमिला से दोस्ती हुई | विजय जिओ सिम से एक दिन में 22 घंटे बात किया करता था, इस तरह से कुछ महीने बाद जिओ कंपनी ने सिम ही बंद कर दी थी | कुछ साल के बाद विजय संघर्ष करते हुये जॉब में प्रमोशन होते हुये फोरमेन बनता है जिसके बाद सैलरी बहुत अच्छी हो जाती है | अब वह अपने गाँव में अपना घर बनाता है साथ ही एक जमीन की प्रॉपर्टी भी लेता है | यह देखकर गाँव के लोग दंग रह जाते है कि विजय में इतना ज्यादा परिवर्तन कैसे हो गया और वो सबकी नजर में अब बहुत अच्छा बन गया था | अब गाँव में सभी लोग विजय की तारीफ करने लग गये थे | विजय और प्रमिला शादी की प्लानिंग करते है मगर प्रमिला का बड़ा भाई मना करता है कि केवल सरकारी नौकरी वाले के साथ ही प्रमिला की शादी करेंगे फिर भी विजय हार नहीं मानता है | विजय और प्रमिला में प्यार इतना गहरा हो जाता है कि वह एक-दूसरे के बिना जीने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे | वह कुछ वर्ष कोशिश करते हुये प्रमिला के परिवार वाले को शादी के लिये मना लेता है | इस तरह विजय अपने जीवन में संघर्ष करते हुये सफलता प्राप्त करता है साथ ही अपने प्यार को भी परिवार की सहमति से शादी तक के सफर में विजय प्राप्त कर लेता है | 

vijy

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