किताब के बारे मे हमारा भारतदेश क़ृषिप्रधान देश है, फिर भी आज के समय मे किसान की स्तिथि बहुत ही बुरी है | वह आज भी ग़रीबी और लाचारी से परेशान है, कभी अतिवृष्टि की वजह से फसल का नुकसान हो जाता है तो कभी अल्पवृष्टि से | किसान खेतो मे बीज बोने से लेकर फसल तैयार होने तक कड़ी मेहनत करता है लेकिन फिर भी फसल का मूल्य पर्याप्त नहीं मिल पाता है यही कारण है कि गरीबी से लड़ते-लड़ते कभी-कभी तो आत्महत्या करने पर भी मजबूर हो जाता है | यदि हमारा अन्नदाता ही नहीं होगा तो फिर देश का भविष्य क्या होगा? यह कुछ प्रश्न है जिस पर हम सभी देशवासियो को चिंतन करना बहुत ही जरुरी है | ये बड़े ही दुःख की बात है कि किसान को अपना हक़ मांगने के लिये आंदोलन करना पड़ रहा है | किसान इतनी कड़ी मेहनत करके हम जैसे प्राइवेट व सरकारी पेशे वाले लोगो के लिये अन्न का इंतज़ाम करते है और आज जब किसान को हमारी बहुत जरुरत है तो हम घर पर बैठे टीवी पर न्यूज़ देख रहे है | क्या हम सभी नागरिकों का यह कर्तव्य नहीं है कि हम किसान को वो सब दिलाये जिसके वो हक़दार है?