यह किताब निशा के जीवन के संघर्ष की कहानी है, जो समाज की रूढ़िवादिता का विरोध करते हुए सफलता हासिल करती है | वह बेटे की तरह ही अपनी सभी जिम्मेदारी और कर्तव्य का पालन करती है | यह कहानी कभी ना हार मानने वाली उस लड़की की है, जो समाज की हर लड़की को अपने जीवन मे सपने पूरा करने के लिए हौंसला देती है | एक नौजवान सिपाही जो अपने देश की बॉर्डर पर सुरक्षा के लिए शहीद होकर भारतमाता की गोद मे समा जाते है, वास्तव मे वो परिवार के लोग कितने बहादुर होते है, जो शहीद हुए अपने बेटे, पति या पिता के ना होने पर भी ज़िन्दगी के दुःख भरे पलों को बड़े ही गर्व के साथ जीते है | नानाजी जो अनाथ बच्चों को गोद लेकर अच्छे से पालन- पोषण और शिक्षा देकर भविष्य मे देश के काबिल नागरिक बनाने मे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है, अन्यथा सड़क पर भूख और शिक्षा के आभाव मे वही अनाथ बच्चे चोर या आतंकवादी भी बन सकते थे | पोस्टमैन जो अपने शिक्षा के संघर्ष की वजह से सबकी मदद करते है ताकि किसी को ऐसा संघर्ष ना करना पड़े | वो गांव के बच्चे यहाँ तक की बुजुर्गो को भी शिक्षा के लिए प्रेरित करते है | मेरी कहानी के ये कुछ पात्र है, यदि ऐसे ही सकारात्मक सोच वाले लोग हमारे देश मे होंगे तो भविष्य मे हम एक आदर्श समाज का निर्माण कर सकते है |