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ना ना कर जपता हूँ राम मैं भी तो खपता हूँ राम लोग निठल्ला नाम रखे करता अठरह घंटे काम अस्तीनों में खबर छुपी लूट झूठ व कत्ले आम मन की बातों पे सिसकें चीते मोर व सीता-राम पंचपदी पढ़