सुरेन्द्र सिंह तोमर
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बचपन से लेकर अब तक के अपने जीवन में जब भी समय मिला कोशिश किया की कविता के माध्यम से आज के युग में मशीन बनते हुए मनुषयं को उसकी सभ्यता और संस्कृति से जोडन के प्रयाश कर सकु कहा तक सफल हुए कह नहीं सकता .