पुरूष सत्तात्मक समाज में नारी को बराबरी का हक़ नहीं मिल पाता.. आज भी स्त्री अन्याय और शोषण का शिकार होती है.. उसकी इच्छाओं और महात्वकांक्षाओं को ज़बरन दमित किया जाता है... लड़का अगर कोई भी ग़लती करे तो उसे माफ़ कर दिया जाता है... पर लड़की अगर कोई ग़लती कर दे तो पता नहीं क्यों बात इज़्ज़त पर आ जाती है.. और समाज उसे बहिष्कृत कर देता है... और स्वीकार करने से नकार देता है... यह कहानी स्त्री समाज कदुरदुर्दशा और पुरूष समाज द्वारा उनके प्रति दोयम दर्जे के व्यवहार को उजागर करती है...