सबकुछ तो है तेरे पास !!!
फिर भी ,चेहरे पर ,
पसरी हैं उदासियाँ !!!
अधरों पर मौन के ताले,
सूनी,रिक्त पडी़ं,
नयनों की कश्तियाँ !!!
तेरे पास ,
अगर नहीं है कुछ ,
तो वो है संतोष !!!
जिस दिन ,
तेरे पास ,संतोष आ जायेगा ,
उस दिन फिर पाने को ,
और कुछ शेष न रह जायेगा !!!
प्रभा मिश्रा 'नूतन'