अब तक आपने पढ़ा कि रितु ओर अनु कॉलेज में एडमिशन ले लेती है और आज उनका कॉलेज का पहला दिन था । अनु रितु के साथ उसकी गाड़ी से कॉलेज के लिए निकल गए। अब आगे-
रितु ने गाड़ी को पार्किंग एरिया में गया दोंनो कॉलेज के अंदर जाने लगीं । रितु थोड़ा आगे निकल गयी वही अनु कॉलेज के गेट पर खड़ी हो गयी और कान्हा जी का नाम लेकर अनु कॉलेज में दाखिल होती है । रितु जब देखती है कि अनु उसके साथ नही है तो वह पीछे मुड़कर देखती है तो उसे अनु आराम से आती हुई दिखाई देती हैं।
रितु उसे बुलाती है अनु जल्दी चल वरना देर हो जाएगी और अगर यह बात तेरे पापा को पता चली की तू कॉलेज के पहले दिन ही देर हो गयी तो फिर हम दोनों तो गए। पापा का नाम सुनकर ही अनु भाग कर रितु के पास आ कर अनु बोलती है क्यू डरती है यार।
रितु बोलती है पापा कह रहे थे कि क्लास में जाने से पहले एक बार प्रिंसिपल सर से मिलकर ही जाए। रितु की इस बात पर अनु ने भी सहमति जताई । अब दोनों यह सोच रहे थे की किससे प्रिंसिपल सर के ऑफिस के बारे में पूछे क्योंकि दोंनो को पता था कॉलेज में रैगिंग होती है इसलिए अंदर से दोनों ही डरी हुई थी ।
दोंनो को यह भी डर था कि वह जिससे भी पूछेंगे वो उनका सीनियर भी हो सकता । पर कहते है ना मरता क्या करता उन्हें सामने से आती हुई एक लड़की दिखाई दी दोनो हिम्मत करके उसके पास गए और अनु बोली गुड मॉर्निंग माम्।
वो लड़की अनु ओर रितु को देखती है फिर बोलती गुड मॉर्निंग, फ्रेशर हो । यह सुनकर दोनों को लगने लगा अब तो अपनी रैगिंग होंगी। वो लड़की बोली बोलिये मैं आप लोगों की क्या हेल्प करू।
हमें प्रिंसिपल सर के ऑफिस में जाना पर हमें रास्ता नही पता। वो लड़की बोलती है आगे से राइट में। दोनो उस लड़की को थैंक्स बोल कर आगे चली गयी। दोनों प्रिंसिपल के ऑफिस के बाहर पहुँची तो बाहर पियोन खड़ा था। रितु ने उसे पूछा हमे प्रिंसिपल सर से मिलना हैं इसलिए क्या अंदर जा सकते है।
पियोन रितु को ऊपर से नीचे तक घूर रहा था क्योंकि रितु ने टाइट जीन्स जो कुछ जगह से फ़टी हुई थी और टी-शर्ट पहनी हुई थी। वो घूर ही रहा था कि रितु ने खिंच कर एक थप्पड़ दिया उसके गाल पर। ओर बोली आगे से मुझे या किसी को भी ऐसे घूर कर देखा ना तो इतनी बुरी तरह से ओर कहा कहा मरूँगी की डॉक्टर को भी दिखाने से डरोगे। याद रखना मेरी बात। अब जाकर प्रिंसिपल सर को बोलो की अभिजीत सिंघानिया की बेटी आई है।
पियोन अपने गाल पर हाथ रख कर अंदर चला गया ओर कुछ देर में बाहर आ कर बोला सर ने आप दोनों को अंदर बुलाया हैं। अनु ओर रितु अंदर गए। दोनो ने सर को गुड मॉर्निंग विश किया। रितु बोली सर आपने एक बार आपसे मिलने को कहा था।
प्रिंसिपल सर बोले हा उनका मेरे पास कॉल आया था जब लोगो को कोई भी प्रॉब्लम हो तो सीधा आ मुझे बताना। ओर अंजली तुम कुछ देर बाहर wait करो। अंजली बाहर चली गयी। फिर रितु बोली सर जिस बारे में पापा ने आपसे बात की थी उस बारे में अनु को कुछ पता नही चलना चाहिए।
रितु सोचने लगी एक रात रितु अपने घर वालों के साथ रात का खाना खा रहे थे। रितु अभिजीत से बोली पापा मुझे आपसे एक बात करनी थी अपने कॉलेज से लेकर। मैं ACEIT में एडमिशन लेना चाहती हु।
अभिजीत जी बोले बेटा इसमें पूछने की क्या बात है जहाँ तुम्हारा मन हो वहाँ ले लो। अनु का ले रही हैं एडमिशन वैसे। उससे भी पूछ लो अगर वो भी यहाँ ले तो दोनों साथ ही जाना।
रितु बोली पापा एक बार उसने भी मुझे बोला था उसका ACEIT में एडमिशन लेने का मन था। पर जब उसने कॉलेज में पता किया तो वहाँ की फ़ीस ज्यादा है इसलिए वह अपने घर पर बात नही की। वो सोच रही है पढ़ाई छोड़ दे। वो कहती है की उसके पापा ने पहले ही ज्यादा पैसे खर्च कर दिया जब वह ओर ज्यादा पैसे खर्च करवाना नहीं चाहतीं।
अनामिका बोली हा वो सीधी है अपने घर पर बात नहीं करेंगी पर अगर वह बिना मन से किसी भी कॉलेजके एडमिशन लेती है तो चार साल कैसे बिताएगी ओर अगर वह पैसे की वजह से पढ़ाई छोड़ती है तो उस बच्ची के साथ गलत होगा।
अनामिका अभिजीत से बोली तुम आप कुछ कर सकते है इसमें। की उसका कॉलेज में एडमिशन भी हो जाय ओर फ़ीस भी कम लगे। एक काम करो आप कॉलेज के प्रिंसिपल को कॉल लगाओ।
अभिजीत ने ACEIT के प्रिंसिपल को कॉल लगाया।
कमशः
।। जयसियाराम ।।
Vishalramawat