रोहित पायल से बोला अब तुम कुछ बोलोगी की नहीं। तुमने यह क्यों कहा की आज का दिन किसी त्योहार से कम नहीं है।
पायल बोली सब बता दूँगी पहले यह मुझे कुछ खिलायेगा पायल ने उस लड़के की तरफ इशारा करते हुए कहा। सौम्या बोली यार पायल खाने के पैसे मैं दे दूँगी पहले तू बता यार तू ऐसे सस्पेंस मत बना।
वह लड़का बोला ठीक है मेरी माँ तुझे जो खाना है खा ले फिर बता क्या बात हैं। पायल
वह बोला। हल्के कोरिया। वह बोला कि। तुमको जो खाना है खा लो पायल ने अपने लिए रिकॉर्ड किया और बाकी सब के लिए कोल्डड्रिंक । पायल ने खान शुरू किया। पायल बोली की अपने मेसे किसी को प्यार हो गया। और सोचो वो भी किसी हुआ।
पायल के इतना बोलतें ही वो लड़का अपनी नज़रे इधर उधर घुमाने लगा। सभी एक दुसरे को देखने लगें। पायल वापस बोली चलो मै तुम सब को एक हिंट देती हूँ जो कभी किसी को नहीं देखता वह आज किसी को देख रहा था।
सभी ने उस लड़के की तरफ हैरानी से देखा तो वह उठ कर जाने लगा पर रोहित ने उसे पहले ही पकड़ लिया। अब सभी ने उसे पकड़ कर बैठा दिया। सौम्या बोली आप अब ख़ुद बतायेंगे या हम कोई और रास्ता अपनाए।
वह बोला अच्छा ठीक हैं मैं बताता हूँ जब मैंने उसे देखा तो अच्छा लगा, मैंने कभी किसी को नही देखा पर उसे देख कर ऐसा लगा कि जैसे मुझें इतने सालों से इसी का इंतजार था। मुझे उससे प्यार हुआ है कि नही, यह मुझे नहीं पता। कुछ देर सभी बातें करते है और फिर अपनी क्लास की तरफ चले जाते है।
लास्ट क्लास खत्म होने से पहले ही वो लड़का सर से पूछ कर क्लास से बाहर निकल जाता हैं। उसको बाहर जाता देख उसके दोस्त भी उसके पीछे बाहर निकल जाते। वो लड़का बाहर निकल कर कॉलेज कर गेट के पास खड़ा रहता है जब उसके उसके दोस्त भी वहाँ पहुँचते है तो वह उनसे पूछता तू लोग यहाँ क्या कर रहे हो। तो सौम्या बोलती है हम भी तो देखे ऐसी कौन है वो लड़की जिसे देखने के लिए वो लड़का क्लास छोड़कर चला। कुछ ही देर में अनु रितु से बातें करते हुए निकली । वो लड़का अब अनु को देखने लगा तो सभी उस लड़के की नज़र का पीछा किया तो सामना अनु ओर रितु दिखाई दी । उनको देख कर सौम्या बोली इन दोनों से तो मैं सुबह मिली थीं। सौम्या उस लड़के से बोली इन दोनों मेसे कौन हैं। उस लड़के ने अनु की तरफ इशारा किया। सभी अनु को देखने लगे ओर सभी ने उस लड़के की पसंद की तारीफ की। अनु रितु के साथ घर चली जाती है और वो सब भी घर चले जाते है।
इस लड़के का नाम था अधर्व ऑबरॉय जो मुंबई के एक बड़े बिज़नेस मैन का बेड़ा बेटा था। रात को जब वो खाना खा रहा था उसके उसके पापा रूद्र ऑबरॉय ओर माँ पार्वती ओबरॉय ओर अधर्व की छोटी बहन कृति ओबरॉय। ओर उनकी दादी शोभा । पार्वती जी एक डॉक्टर है कृति BA 1st ईयर।
सभी बातें करते हुए खाना खा रहे थे पर अधर्व अपने में ही गुम था। तभी दादी की नजर अधर्व पर गयी उसने रुद्र को इशारा सभी ने अधर्व की ओर देखा तो वह अकेला की मुस्कुरा रहा था। दादी ने पूछा उससे लड़की कौन है वो अपनी सोच में ही गुम था ओर बोल पड़ा उसका नाम नहीं पता पर अच्छी दिखती हैं।
जब उसे होश आया कि वह क्या बोल गया तो वह सभी की ओर देखा तो वो लोग उस पर हँसने लगे। कृति बोलने लगी दादी हमे तो भाभी मिल गयी। तो उस पर दादी बोली आज तो मैं दो रोटी ज्यादा खाऊँगी क्योंकि इतने सालों में अब जाकर इसे कोई पसंद आई है वरना यह किसी से प्यार करने की बात तो छोड़ो यह किसी से बात तक नही करता था । वरना यह पायल और सौम्या के अलावा किसी ओर से बात ही नही करता।
अधर्व को सभी की बाते सुनकर शर्म आने लगीं तो वह बोला ऐसी कोई बात नही है जैसी आप लोग सोच रहे हो।
रूद्र बोला कोई बात नही बेटा अगर लड़की वह तुम्हें पसंद है तो हमे बताओ उससे घर वालो से मैं बात करता हु। वैसे भी तुम्हारी पढ़ाई खत्म हो रही है अगर तुम कहो तो मैं उनके घर जाकर रिश्ते की बात करता हु।
अधर्व बोला नही पापा अभी तक तो मुझे उसका नाम भी नही पता। ओर अभी कुछ भी नही है जब होगा तब मैं आप लोगों को बता दूँगा। वो बस मुझे अच्छी लगी।
पार्वती जी बोली अब बस भी करो आप लोग क्यों मेरे बच्चे को परेशान कर रहे हो। बेटा तुम आराम से खाना खाओ ।
सभी लोग ऐसे बातें करते हुए खाना खा रहे थें।
कमशः
।। जयसियाराम ।।
Vishalramawat