गुलाब-सा खिला मेरा जीवन तुझे चाहकर
गुलाब-सा महका मेरा तन तुझे पाकर
तेरा मेरा स्नेह संग गृहस्थी बसाकर
मिले सलोना गुलदस्ता-सा आंगन सजाकर
हमेशा साथ रहना है हमें प्रीत निभाकर,
धूप में छांव, यादों में बातों में ठांव रखकर,
जिंदगी के सफर में आगे चलेगे संग कदम बढाकर।
-सीमा गुप्ता