कैसा है यह जिंदगी का फलसफा
कभी कोई किसी से रहता खफा।
कोई कभी देता भर कर हाथों दुआ
नफ़रत से भर कभी बोलदेता बद्दुआ
कभी सागर की तरह मिलती खुशियां
कभी दुःख की चलती आंधियां
कभी हंसाती कभी लाती रूसवाईया
बड़ा अजीब सफर है जिंदगी का ।
-सीमा गुप्ता अलवर राजस्थान