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राष्ट्रीय ध्वज

1 अगस्त 2022

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हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा

समृद्ध संस्कृति से है रंगा

उन्मुक्त गगन में लहराता झंडा

केसरिया रंग मस्तक सजता

श्वेत रंग ह्रदय में है बसता

मध्य मेंअशोक चक्र विराजता

आंचल में हरियाली बिखेरता

बल,शांतिऔर हरियाली का प्रतीक

देश की  आन-बान-शान कहलाता

तिरंगा ऊंचा रहे हमारा पहचान बताता

विजयी भव रहे लहरकाकर गीत गाता

वीर हुए शहीद उनकों आंचल में लाता

देकर मान उन वीरों का सम्मान बढा़ता।

-सीमा गुप्ता,अलवर

काव्या सोनी

काव्या सोनी

Bahut khub likha hai aapne Behtreen prastuti

18 सितम्बर 2022

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रचनाएँ
काव्य मंजरी
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जब मेरे शब्द मन के भावों से सन कर काव्य रूप में कागज पर उतर जाएं तो काव्य मंजरी की रचना होती है।
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जिंदगी का

1 फरवरी 2022
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कैसा है यह जिंदगी का फलसफा कभी  कोई  किसी से रहता खफा। कोई कभी देता भर कर हाथों दुआ नफ़रत से भर कभी बोलदेता बद्दुआ कभी सागर की तरह मिलती खुशियां कभी दुःख की चलती आंधियां कभी हंसाती कभी लाती रूसवाईया ब

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बेटे भी

2 फरवरी 2022
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सच ही तो है केवल बेटियां ही नहीं बेटे भी दूर चले जाते हैं धन कमाने के लिए जिविका चलाने के लिए पराए शहर में जाकर जीवन बिताते हैं  अपनी मां पत्नी के हाथ का स्वादिष्ट खाना छोड़ कहीं होटल तो कहीं मैस में

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तुझे पाकर

7 फरवरी 2022
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गुलाब-सा खिला मेरा जीवन तुझे चाहकर गुलाब-सा महका मेरा तन तुझे पाकर तेरा मेरा स्नेह संग गृहस्थी बसाकर मिले सलोना गुलदस्ता-सा आंगन  सजाकर हमेशा साथ रहना है हमें प्रीत निभाकर, धूप में छांव, यादों में बात

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राष्ट्रीय ध्वज

1 अगस्त 2022
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हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा समृद्ध संस्कृति से है रंगा उन्मुक्त गगन में लहराता झंडा केसरिया रंग मस्तक सजता श्वेत रंग ह्रदय में है बसता मध्य मेंअशोक चक्र विराजता आंचल में हरियाली बिखेरता बल,शांत

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हे गोवर्धन धारी

25 अक्टूबर 2022
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गौ माता की महिमा है अपरम्पार  गौ में करते तेंतीस करोड़  देव निवास मोझदायिनी पुण्यदायिनी करती है उद्धार  गाय माता तेरी महिमा का नही है पार तेरी  सेवा-पूजन से मिले सहज चारो धाम बिन स्वार्थ  करती मा

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