...............हुहहहहहह और हाँ हम जानते हैं व्हाट्सऐप पर 'बाइसेप' वाला इमोटीकाॅन तुम्हें 'लेग पीस' जैसा प्रतीत होता है। हम जानते हैं तुम्हें 'स्यान रंग' एकदम पसंद नहीं है। हमें यह भी पता है तुम्हें दाल मखनी अच्छी नहीं लगती। इन सबके अलावा और भी बहुत ऐसी छोटी छोटी बातें हें जो हमें तुम्हारे बारे में मालूम हैं। तुम्हारी पसंद , नापसंद सब जानते हैं हम। हमेशा तुम्हारी पसंद की चीज़ों का ही ज़िक्र किया करते थे तुमसे बात करते वक्त। क्या सही दौर था न वो भी? सुबह से देर रात तक बात होती थी। मुझे उस गुज़रे वक्त की बहुत याद आती है । वो दौर तो गुज़र गया, मगर मैं कैद हूं, अभी भी, उन स्मृतियों में, जिनमें तुम और मैं एक साथ हैं। बात करते हुए, हँसते हुए, साथ चलते हुए। जानती हो क्यूँ..?? बताएँ..?? "मुहब्बत है तुमसे, बेतहाशा, बेइंतहा,बेशुमार" मेरे दिन के ख़यालों से लेकर रातों के सपनों तक बस तुम्हीं हो। तुमसे हटकर कुछ भी सोच या कर पाना, 'असंभव' सा है अब हमारे लिए। और यह मुहब्बत दिन पर दिन बढ़ती ही जाती है। यूँ तो हमें लगता है कै इसमें कोई पाप नहीं है.. पर फिर भी तुमसे आज तक कहा नहीं। क्यूँकि वो हमारे लिए पाप है। तुम्हें अपना भगवान मानते हैं। सब कुछ सिर्फ तुम्हारी खुशी के लिए, बाकी सब जाए चूल्हे भाड़ में। और हाँ, पूछते हैं लोग , कई सवाल करते हैं।। कहते हैं '' किसके लिए प्यार की इंतहा कर रखी है कि कतई पगलाए हुए हो? थोड़ा सोंचो तार लोग पागल कहते हैं तुम्हें छोड़ दो ये बचपना करियर पर ध्यान लगाओ बड़े हो गए हो" हँस देते हैं उनकी बातें सुनकर तुम्हारा नाम तो नहीं बताते उन्हें पर कह देते हैं कि... कह देते हैं कि... "हाँ एक लड़की है जो मेरा सब कुछ है। और यह प्यार है कोई बचपना नहीं।" जानते हैं वो लोग गलत नहीं हैं और दुनिया उनके द्वारा दिए गए तथ्यों पर ही चलती है। हमारे प्यार की रिएलिस्टिक वर्ल्ड में कोई जगह ही नहीं है। इसलिए उनकी बात चुपचाप सुन लेते हैं और उन्हें बदले में कुछ नहीं समझाते। क्यूँकि जब तक उनको किसी से बेवजह मुहब्बत न हो जाए, वो नहीं समझेंगे।। वो नहीं समझेंगे कि यह प्यार की इंतहा नहीं है, अभी तो कितना प्यार है जो तुमसे होना बाकी है। वो नहीं समझेंगे कि यह पागलपन नहीं है, क्यूँकि अभी बहुत होश है जो खोना बाकी है वो यह सब कुछ तब तक नहीं समझेंगे जब तक वो खुद किसी कि मुहब्बत में न पड़ जाएँ। और जब उनको मुहब्बत होगी, इंशा-अल्लाह वो सब खुद-ब-खुद समझ जाएँगे।।