कभी कभी हम जिंदगी में बहुत कुछ खो देते हैं.... कुछ ऐसा जिसके खोने से हमें जिंदगी भर अफसोस रहता हैं..। लेकिन कभी कभी जिंदगी में कुछ ऐसा छुट जाता हैं या कुछ ऐसा खो जाता हैं जिसके बाद हमें अफसोस नहीं होता बल्कि जिंदगी की नई शुरुआत होती हैं..।
कहते हैं जब तक हमें ठोकर नहीं लगतीं तब तक हम संभलना नहीं सिख सकतें..। जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए ठोकर का लगना भी बहुत जरूरी हैं..।
अफसोस..... बहुत छोटा सा शब्द हैं...। लेकिन इसके मायने बहुत बड़े हैं...।
हमारा एक दस रुपये का नोट भी कभी खो जाता हैं तो हमें बहुत अफसोस होता हैं..। लेकिन कभी कभी जिंदगी में वो सब खो जाता हैं जिसके बिना जीने की कल्पना से भी हमें डर लगता हैं फिर भी हम अफसोस नहीं करते हैं..। ऐसा ही कुछ है जो मेरी जिंदगी से छुट गया था..।
तकलीफ बहुत हुई उस वक्त... बहुत समय लगा संभलने में... खुद को फिर से खड़ा करने में.... सही और गलत का पता चलने में...।
लेकिन आज उस चीज.... उस व्यक्ति... उस शख्स के खोने का मुझे कोई अफसोस नहीं हैं...।
कहते हैं ईश्वर की करनी पर कभी सवाल नहीं करना चाहिए..। वो जो करता हैं... सही करता हैं..। भले ही उस वक्त हमें पता नहीं चलता... लेकिन बाद में हमें अहसास होता हैं..।
उस शख्स को.... अपने प्यार को खोने के बाद ही मुझे जिंदगी में मेरे सही मायने पता चले..।
मुझे अपनी काबिलियत..... अपनी अहमियत पता चलीं..।
जो छुट गया उस पर रोने से अच्छा हैं.... हम लड़े और आगे बढ़े..।
आज जो कुछ भी बित चुका हैं.... खो चुका हैं.... मुझे उसका कोई अफसोस नहीं...।
मैं अपने आज में खुश हूँ..।
जय श्री राम...